छत्तीसगढ़ के विविआईपी जिले दुर्ग में चोरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब उससे पुलिस कर्मियों के आवास तक सुरक्षित नहीं है।
एएसपी, सीएसपी और भिलाई नगर थाने से कुछ कदम दूर बने पुलिस क्वार्टर्स इसका उदाहरण है, यहां पार्क एक पुलिस कर्मी का स्कूटर कोई चोरी कर ले गया है।
पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ ज्ञानदत्त मिश्रा ने भिलाई नगर थाने में उसका एक्टिवा स्कूटर चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई है।
उसने बताया कि वह पुलिस लाइन दुर्ग में पदस्थ है। वो क्वार्टर नं. बी 4 ब्लाक बी पुलिस हाउसिंग कालोनी सेक्टर-6 में रहता है।
यहां से रोजाना स्कूटर से दुर्ग ड्यूटी आता जाता है, रोज की तरह 29 अक्टूबर की रात 9 बजे वह अपनी एक्टिवा से क्वार्टर पहुंचा।
उसने नीचे पार्किग में खड़ी की और अपने कमरे में चला गया। अगले दिन सुबह उठा तो देखा कि उसकी एक्टिवा अज्ञात चोर चोरी कर ले गए।
काफी पता तलाश करने के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो बुधवार को मामले की शिकायत दर्ज कराई गई।
भिलाई नगर थाने में इस समय यह चोरी चर्चा का विषय है। पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब पुलिस क्वार्टर सुरक्षित नहीं है तो आम लोगों के यहां चोरी होना स्वाभाविक है।
पुलिस क्वार्टर के नीचे से बाइक चोरी की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पिछले साल यहां बाइक चोरी को दो घटनाएं हो चुकी हैं।
एक घटना में चोरी बाइक चोरी करके ले गया था, इसके बाद वह पूरे शहर में उससे घूमा और फिर जब तेल खत्म हो गया दो दिन बाद बाइक को फिर वहीं खड़ा करके चला गया गया था।
इसका बाकायदा सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ था।
संपादक की कलम से: एक और जहाँ बिना नंबर की गाड़ियाँ बिना किसी डर के आपको सड़कों पे देखे जा सकते है, वहीँ कुछ पुलिस कर्मियों का कहना है की उनको रोकने पर अगर कोई दुर्घटना हो जाये तो आम जनता और मीडिया उनके ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगा देती है।
कहीं न कहन बात विचारणीय भी है, जहाँ एक और कोई वर्धि वाला शहीद हो जाये तो कोई मानव अधिकार संगठन खामश बैठे रहते है और अगर कोई अपराधी या कानून का उलंघन करने वाले को कुछ हो जाये तो ये धरना और मीडिया बजी करने से पीछे भी नहीं हटते।