छग शासन इस वर्ष राज्य स्थापना दिवस एवं राज्योत्सव के प्रथम दिन मंगलवार से सोसायटियों में अन्नदाताओं से धान खरीदी शुरू करने जा रही है।
इधर यह भी जानकारियां आ रही है कि धान खरीदी की शुरुआत के पहले सप्ताह किसानों से धान खरीदी तथा केन्द्रों में पूरी व्यवस्था बनाने की सोसायटियों के ऑपरेटरों के हाथों में होगी।
क्योंकि सोसायटियों के प्रबंधक दो सूत्रीय मांगों को लेकर आगामी तीन दिन सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन की राह पकड़ेंगे।
प्रबंधकों की मांग है कि सूखत की भरपाई उनसे न कराया जाए तथा सोसायटियों को मिलने वाला प्रशासनिक व्यय की राशि बढ़ाई जाए।
ब्लॉक के आठ सोसायटी आतरगांव, छछानपाहरी, अंबागढ़ चौकी, कौडीकसा, आमाटोला, ढाढुटोला, विचारपुर, चिल्हाटी तथा तीन अन्य धान उपार्जन केन्द्र रेंगाकठेरा, परसाटोला, आडेझार में शासन के निर्देशानुसार एक नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाएगी।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा सोमवार को पूरे दिन अपनी टीम के साथ ब्लाक के सभी सोसाइटियों में खरीदी की शुरुआत कराने के लिए प्रारंभिक तैयारी जारी है।
सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल करेंगे प्रबंधक
ब्लाॅक के सभी सोसायटी प्रबंधक एक नवंबर से सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। जानकारी के अनुसार सोसायटी प्रबंधक फिलहाल शुरुआत में तीन दिन का अवकाश ले रहे हैं।
ब्लाक मुख्यालय अंबागढ़ चौकी के सोसायटी प्रबंधक रामकिशोर बंसोड एवं ब्लाक के अन्य सोसायटी प्रबंधक योगेश त्रिपुरे, राकेश आदे, गंगाराम साहू, अनिल निषाद, महेश चन्द्रवंशी, खेमनलाल साहू, गिरधरलाल साहू, ने इस संबेंध में बताया कि सोसायटी प्रबंधक छग सहकारी समिति कर्मचारी संघ के निर्णय एवं आहवान पर तीन दिन का सामूहिक अवकाश ले रहे है।
9 माह से सोसाइटी कर्मियों काे नहीं मिला है वेतन
ब्लाॅक में कुल आठ सोसायटियों कुल 11 धान उपार्जन केन्द्र है। विचारपुर के आपरेटर दिलीप चन्द्रवंशी ने बताया कि उन्हें नौ महीने का वेतन नहीं मिला है। दीपावली त्योहार के समय केवल तीन महीने का वेतन दिया गया है।
इसी तरह कौडीकसा सोसायटी के प्रबंधक महेश चन्द्रवंशी ने बताया कि उनके कर्मचारियों को भी पिछले पांच छह माह से वेतन नहीं मिल पाया है।
ब्लाॅक के सभी सोसाइटियों में कर्मचारियों से कई महीनों का वेतन नहीं मिला है। दीपावली त्योहार से पूर्व एक-एक दो माह का वेतन जरूर दिया।
सोसाइटियों को मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी हो
वे शासन से यह मांग कर रहे है कि सूखत की भरपाई व वसूली प्रबंधकों से न कराई जाए। शासन के निर्देशानुसार सोसायटियों में किसानों से धान खरीदी करते हैं।
लेकिन सोसायटियों से धान का उठाव एवं परिवहन में काफी विलंब होता है। इसके कारण प्रबंधकों को सोसाइटियों में कई तरह की समस्याएं आती है।
लेकिन सूखत की भरपाई व वसूली प्रबंधकों से की जाती है। इसलिए प्रबंधकों की मांग है कि सूखत की भरपाई उनसे न कराई जाए तथा सोसायटियों को मिलने वाला प्रशासनिक व्यय में बढ़ोतरी की जाए।