दुर्ग से खरसिया तक बलौदाबाजार और नया रायपुर होते हुए 266 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी।
इसमें करीब 5078 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है, इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।
केंद्र और राज्य सरकार अपनी-अपनी भागीदारी निभाएंगे। साथ ही इस ट्रैक के लिए निवेशकों की भी तलाश की जा रही है, ताकि ट्रैक बनाने में आने वाले खर्च का बोझ कम हो सके। अफसर इसके लिए कोशिश कर रहे हैं। एक- दो महीने बाद इसकी शुरुआत हो सकती है।
करीब चार साल पहले इस नए ट्रैक का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने बजट में लाया था। इससे सीमेंट और धान के परिवहन करने वाले उद्योगपतियों और राइस मिलर्स को लाभ होने की बात कही गई थी।
साथ ही ट्रैक से लोगों को सस्ती में रेल यात्रा करने का मौका मिलने की संभावना है। इसकी आरंभिक कार्रवाई करते हुए प्रारंभिक अधिसूचना 20-ए का प्रकाशन किया जा चुका है।
दुर्ग, नया रायपुर, बलौदा बाजार, खरसिया रेल लाइन मौजूदा लाइन से पूरी तरह अलग रहेगी। प्रस्तावित इस रेलवे ट्रैक में नए क्षेत्र आ रहे हैं।
यह ट्रैक एक सिरे से दुर्ग को जोड़ेगी तो दूसरे सिरे में बलौदा बाजार और खरसिया को जोड़ेगी। यह ट्रैक भले ही दुर्ग से खरसिया तक जाएगी, लेकिन बिलासपुर को नहीं जोड़ेगी। दुर्ग से खरसिया के बीच आने वाले 120 से अधिक कस्बे और छोटे-बड़े गांवों के पास से यह गुजरेगी।
यह ट्रैक ऐसे कई गांवों से गुजरेगी जहां ठीक से सड़क भी नहीं है। इससे इन गावों में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन आने की उम्मीद की जा रही है।
दुर्ग जिले के 21 गांवों से होकर गुजरेगी। नया रायपुर से परसदा, ठकुराइन टोला, बठेना, देमार, अरसनारा, नवागांव, देवादा, सांतरा, बोहारडीह, फेकारी, धौंराभाठा, मानिकचौरी, घुघसीडीह, खोपली, बोरीगारका, कोकड़ी, कोड़िया, हनोदा, पोटियाकला, कसारीडीह होते हुए मोहलाई के पास मुंबई-हावड़ा दपूम रेलवे लाइन से जुड़ेगी।
कोशिश जारी है, एक-दो महीने में होगा प्रोजेक्ट शुरू
प्रोजेक्ट को लेकर कोशिशें की जा रही है। एक- दो महीने में प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। कोरोना की वजह से सर्वे में देरी हुई।
राज्य और केंद्र खर्च को वहन करने की तैयारी में हैं, निवेशकों की भी तलाश की जा रही है। निवेशक नहीं मिलने से भी प्रोजेक्ट लेट हुआ। इसका सेंक्शन जल्दी ही किया जाएगा। – आरएस राजपूत, एमडी, छत्तीसगढ़ रेल कार्पोरेशन लिमिटेड