गृह मंत्रालय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व वाले दो गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है।
इसकी वजह एफसीआरए नियमों का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। लाइसेंस निरस्त होने से ये दोनों संगठन विदेश से चंदा हासिल नहीं कर सकेंगे।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक वक्तव्य समाचार लिखे जाने तक जारी नहीं किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा 2020 में गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति की जांच के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के खिलाफ जांच के बाद गृह मंत्रालय ने उनका एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है।
जांचकर्ताओं ने चीन सहित विदेशों से धन प्राप्त करते समय धनधोशन करने, निधि के दुरुपयोग और आयकर रिटर्न दाखिल करते समय दस्तावेजों के हेरफेर के आरोपों की जांच की थी।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ और आरजीसीटी की अध्यक्ष हैं। आरजीएफ के अन्य न्यासियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, कांग्रेस के नेता एवं सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे और अशोक गांगुली शामिल हैं। जबकि आरजीसीटी के न्यासियों में राहुल गांधी, अशोक गांगुली, बंसी मेहता और दीप जोशी शामिल हैं।
आरजीएफ की वेबसाइट के अनुसार, इसकी स्थापना 1991 में हुई थी। आरजीएफ ने 1991 से 2009 तक महिलाओं, बच्चों और अक्षम लोगों को मदद देने के अलावा स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और शिक्षा क्षेत्र सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम किया। देश के वंचित तबके के लोगों, खासकर गांवों में रहने वाले गरीबों के विकास की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 2002 में आरजीसीटी की स्थापना की गई थी।
आरजीसीटी की वेबसाइट के अनुसार, यह देश के सबसे कम विकसित राज्यों में शामिल उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा में दो विकास पहलों राजीव गांधी महिला विकास परियोजना (आरजीएमवीपी) और इंदिरा गांधी नेत्र अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (आईजीईएचआरसी) के माध्यम से काम करता है।
आरजीएफ और आरजीसीटी, दोनों का कार्यालय नयी दिल्ली में संसद परिसर के निकट राजेंद्र प्रसाद रोड के पास जवाहर भवन में है।
गृह मंत्रालय ने जुलाई 2020 में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), आयकर अधिनियम और एफसीआरए के संभावित उल्लंघन की जांच के लिए एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारी की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालयी समिति की स्थापना की थी, जिसके बाद ये एनजीओ जांच के घेरे में आए थे। कांग्रेस से जुड़े कुल तीन संगठनों की जांच की गई थी। जिनमें तीसरा इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट है। लेकिन इसके बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।
दो संगठनों में गड़बडियों के बाद उनका एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किया गया है। इसके अलावा गड़बड़ियों के लिए संगठनों के संचालतों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह गड़बड़ियां किस्त स्तर की हैं।