FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया, भारत ने आतंकवाद पर पड़ोसी मुल्क को दी नसीहत…

पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है।

एफएटीएफ आतंकवादी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था है, पाकिस्तान को लगभग चार साल पहले एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था।

वहीं, एफएटीएफ ने म्यांमार को पहली बार अपने ब्लैक लिस्ट में शामिल किया है, ब्लैक लिस्ट में उच्च जोखिम वाले उन क्षेत्रों को रखा जाता है, जहां कार्रवाई किए जाने की जरूरत है।

एफएटीएफ की ओर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने के फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने एफएटीएफ के पूर्ण सत्र के संदर्भ में पाकिस्तान से संबंधित रिपोर्ट देखी है। हम समझते हैं कि पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) के साथ अपनी एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (AML) या फिर काउंटर टेरर फाइनेंसिंग (CFT) सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए काम करना जारी रखेगा।

FATF की जांच के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को जाने-माने आतंकवादियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया है।

इसमें 26/11 हमले में शामिल लोग भी हैं, उन्होंने कहा, यह दुनिया के हित में है कि पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ विश्वसनीय और निरंतर कार्रवाई जारी रखनी चाहिए।

एफएटीएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के तंत्र में सुधार की दिशा में पाकिस्तान द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करता है।

एफएटीएफ ने 20-21 अक्टूबर को पेरिस में हुई अपनी पूर्ण बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची से हटाने का फैसला लिया।

ग्लोबल वर्कफोर्स ने कहा, ‘पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया है और रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उन तकनीकी कमियों को दूर किया है, जिनका जिक्र एफएटीएफ ने जून 2018 और जून 2021 में किया था। उसने संबंधित प्रतिबद्धताओं को तय समयसीमा से पहले पूरा किया है, जिसमें कुल 34 कार्य बिंदु शामिल थे।’

एफएटीएफ ने कहा, ‘इसलिए पाकिस्तान अब एफएटीएफ की बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है।

पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्त पोषण से निपटने के अपने तंत्र को और बेहतर बनाने के लिए एपीजी के साथ काम करना जारी रखेगा।’

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