रूस – यूक्रेन युद्ध में बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश; ये देश भी कर रहे रूस की मदद, यूक्रेन युद्ध के 8 महीने बाद खोज पाया अमेरिका?

यूक्रेन युद्ध को 8 महीनों से भी ज्यादा का वक्त हो गया है।

युद्ध के बाद से पूरी दुनिया में हलचल है, जहां कुछ देश यूक्रेन की खुलकर मदद कर रहे हैं तो वहीं कुछ देश रूस की चुपचाप तरीके से सहायता कर रहे हैं।

यूक्रेन के मददगार अमेरिका ने ऐसे ही एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है जो रूस की चोरी छिपे मदद कर रहा था।

अमेरिका ने बुधवार को पांच रूसी नागरिकों पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इस मामले में लातविया और वेनेजुएला के लोगों का नाम खुलकर सामने आया है। 

ये लोग अमेरिकी निर्माताओं से सैन्य टेक्नोलॉजी खरीदकर उसे यूक्रेन में जारी युद्ध के लिए रूस को दे रहे थे।

इन लोगों पर अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन ने कई आरोप और प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।

अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अनुसार, यूक्रेन में युद्ध के मैदान से कुछ डिवाइस मिली हैं।

इसके अलावा, लातविया से भी अन्य परमाणु प्रसार तकनीकी डिवाइस मिली हैं, जिन्हें रूस भेजा जाना था।

लातविया रूस का पड़ोसी देश है और अब अमेरिका का मानना है कि वहां से रूस को मदद की जा रही है।

अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में अलग-अलग मामलों में नौ लोगों और वेनेजुएला के दो तेल दलालों पर आरोप लगाए हैं।

इन लोगों पर अमेरिकी कंपनियों से सैन्य प्रौद्योगिकी प्राप्त करने और फिर उसे करोड़़ो डॉलर में रूसी व्यापारियों व अन्य स्वीकृत संस्थाओं को बेचने का आरोप है।

कुछ आरोपियों पर वेनेजुएला की सरकारी तेल कंपनी के लिए अवैध तेल सौदों में दलाली करने का भी आरोप है।

अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने एक बयान में कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा है, हमारे जांचकर्ता और अभियोजक उन लोगों की पहचान करने, उनका पता लगाने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी रखेंगे, जिनके अवैध कार्यों से कानून का शासन कमजोर हो रहा है और जिनसे रूसी शासन को यूक्रेन में जारी युद्ध में मदद मिल रही है।

कुछ ही देश हैं जो खुलकर यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन कर रहे हैं। बेलारूस रूस का सबसे बड़ा समर्थक है और उसने रूसी सैनिकों को अपने क्षेत्र से यूक्रेन में प्रवेश करने की अनुमति दी है।

यूक्रेन के साथ युद्ध में अन्य रूसी सहायक देश क्यूबा, निकारागुआ, वेनेजुएला और किर्गिस्तान हैं। कुछ देश चोरी छिपे भी रूसी आक्रमण के समर्थन में हैं।

सीरिया, ईरान, यूएई और सऊदी अरब के बारे में कहा जाता है कि वह रूस का समर्थन कर रहे हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap