विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बृहस्पतिवार को कहा कि गाम्बिया में बच्चों की मौत भारत निर्मित खांसी के चार सिरप से होने की आशंका का मामला गंभीर मुद्दा है।
स्वामीनाथन पुणे में विकासशील देश टीका निर्माता नेटवर्क (डीसीवीएमएन) की वार्षिक आम बैठक में बोल रही थीं।
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत भारत निर्मित खांसी के चार सिरप से होने की आशंका जताई गई है।
स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर सरकार डब्ल्यूएचओ के संपर्क में है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने वास्तव में जांच पर आधारित रिपोर्ट मुहैया कराई है। जांच यह साबित करने के लिए की गई कि डिएथीलिन ग्लाइकोल के कारण ये मौतें हुईं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है और इसे बहुत गंभीरता से लिया जाना होगा।’
गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत का भारत में निर्मित चार कफ सिरप से जुड़ाव संबंधी रिपोर्ट के मद्देनजर जांच के लिए सरकार द्वारा गठित समिति ने पाया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा साझा की गई क्लीनिकल जानकारी रोग विज्ञान संबंधी निर्धारण के लिए अपर्याप्त है।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) वी जी सोमानी ने शनिवार को डब्ल्यूएचओ को इस बात की जानकारी दी।
डब्ल्यूएचओ के रुतेंडो कुवाना ने 13 अक्टूबर को डीसीजीआई को पत्र लिखकर चार कफ सिरप की निर्माता कंपनी सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स की जांच मामले में प्रगति से अवगत कराने को कहा था।
डॉ. सोमानी ने ई-मेल से भेजे जवाब में शनिवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, जो प्रतिकूल घटना रिपोर्ट के विवरण और डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा किए गए या साझा किए जाने वाले सभी संबंधित विवरणों की जांच और विश्लेषण करने तथा इसके अनुरूप सिफारिश करने के लिए है।
भारत में निर्मित चार कफ सिरप से गांबिया में संभावित रूप से 66 बच्चों की मौत के मामले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से प्राप्त विवरण और प्रतिकूल घटना रिपोर्ट की जांच के लिए सरकार ने बुधवार को विशेषज्ञों की चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।