डिजिटल भुगतान क्षेत्र (Digital Payments Sector) में देश में 2022 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में 36.08 लाख करोड़ रुपये के 20.57 अरब लेन-देन हुए।
वर्ल्डलाइन ने मंगलवार को जारी इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट में वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही के आंकड़े पेश किए।
रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही के आंकड़ो में व्यक्ति से व्यक्ति(पी2पी) को किए गए यूपीआई भुगतान की मात्रा 49 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 67 प्रतिशत रही लेकिन व्यापार की दृष्टि से व्यक्ति से व्यापारी (P2P) को किए गए भुगतानों की मात्रा 34 प्रतिशत और मूल्य के अनुसार 17 प्रतिशत रही।
क्रेडिट और डेबिट कार्डों से किए गए भुगतानों का हिस्सा मात्रा की दृष्टि से आठ प्रतिशत और मूल्य को लेकर 14 प्रतिशत रहा।
इस दौरान यूपीआई का डिजिटल भुगतानों में वर्चस्व देखा गया, लेकिन क्रेडिट कार्डों की वृद्धि में भी तेजी दर्ज की गयी और यह बड़े भुगतानों के लिए पहली पसंद रहा।
रिपोर्ट के अनुसार छोटे लेनदेन में भी यूपीआई की बड़ी मात्रा में उपस्थित दर्ज की गयी।
आलोच्य तिमाही में यूपीआई से 17.4 अरब से अधिक लेने देने हुए जो राशि के हिसाब 30.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हैं।
यह वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही से संख्या और राशि के अनुसार क्रमशः 118 और 98 प्रतिशत अधिक है।
इस दौरान शीर्ष भेजने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और पेटीएम पेमेंट्स बैंक रहे जबकि शीर्ष लाभार्थी बैंक पेटीएम पेमेंट्स बैंक, यस बैंक, एसबीआई, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक थे।
रिपोर्ट में बताया गया कि जून 2022 में यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या वार्षिक आधार पर 92 प्रतिशत बढ़कर 19.52 करोड़ के करीब पहुंच गयी।
ऑनलाइन क्षेत्रों, ई-कॉमर्स (वस्तुओं और सेवाओं के लिए खरीदारी), गेमिंग, यूटिलिटी और वित्तीय सेवाओं ने मात्रा के अनुसार 86 प्रतिशत और मूल्य में 47 प्रतिशत से अधिक डिजिटल भुगतान हुआ, जबकि शिक्षा, यात्रा, आतिथ्य और सरकारी क्षेत्र ने शेष मात्रा में 14 प्रतिशत और मूल्य में 53 प्रतिशत का योगदान दिया।
वर्ल्डलाइन ने रिपोर्ट में बताया कि भौतिक स्पर्श बिंदुओं पर सबसे अधिक लेनदेन महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल में हुआ जबकि शहरों में हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई और पुणे आगे रहे।