गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया और पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने मंगलवार को कहा कि मेहसाणा की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गवाह के तौर पर पेश होने के लिए उन्हें समन जारी किया है।
भ्रष्टाचार का यह मामला पूर्व गृह मंत्री और सहकारिता नेता विपुल चौधरी के खिलाफ है।
दोनों नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें अदालत ने छह अक्टूबर को मामले में गवाह के तौर पर पेश होने के लिए समन जारी किया है।
उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अपने फायदे के लिए कानून का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि वे सत्ताधारी दल द्वारा किए गए प्रयासों का मुकाबला करेंगे और मेहसाणा में विशाल रैली करेंगे।
गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पिछले महीने दूधसागर डेयरी में करीब 800 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में चौधरी को गिरफ्तार किया था।
एसीबी के अनुसार वित्तीय अनियमितताओं के समय चौधरी डेयरी के प्रमुख थे।
मोढवाडिया ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने सहकारी नेताओं पर उसके सामने झुकने या नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहने का दबाव बनाया।
उन्होंने कहा, ‘ दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्यों को अपना अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या निदेशक नियुक्त करने का अधिकार है… चौधरी भाजपा के सामने झुकने को तैयार नहीं थे, जिस वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा।’ उन्होंने कहा कि सहकारिता सदस्यों की है न कि भाजपा की और उसके नेताओं को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, नहीं तो उन्हें रास्ता दिखाया जाएगा।
वाघेला ने कहा, ‘सरकारी वकील भाजपा नेताओं की सहायता कर रहे हैं और यह पूरी घटना राजनीति से प्रेरित है और चौधरी के खिलाफ कार्रवाई का कोई आधार नहीं है।’
चौधरी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रसिद्ध अमूल ब्रांड जीसीएमएमएफ का ही है।
वह मेहसाणा जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड के भी प्रमुख रहे थे जिसे दूधसागर डेयरी के नाम से भी जाना जाता है।