भारतीय पर्यटकों के लिए खुश खबरी है। कोरोना काल की वजह से करीब ढाई साल से पर्यटकों के लिए बंद भूटान अब उनका स्वागत करने के लिए तैयार है।
भूटान ने सीमाएं पूरी तरह खोल दी हैं। ये सीमाएं संशोधित पर्यटन कर के साथ खोली गई हैं। इस कर को भूटान ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस का नाम दिया है।
पर्यटन देश ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस को अच्छा खासा बढ़ा दिया है। उसने विदेशी पर्यटकों से एक रात रुकने का चार्ज 65 डॉलर से बढ़ाकर 200 डॉलर कर दिया है।
भूटान पिछले तीन दशकों से विदेशी पर्यटकों से 65 डॉलर ही ले रहा था।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से पहले भूटान भारतीय पर्यटकों से कोई कर वसूल नहीं करता था। लेकिन, अब भारतीय पर्यटकों को एक रात रुकने के लिए 1200 रुपये भुगतान करना पड़ेगा।
हालांकि, बताया जा रहा है कि अभी तक किसी भारतीय पर्यटक से संशोधित कर नहीं लिया गया है। साल 2020 में भूटान को बड़ा झटका लगा था। क्योंकि, कोरोना वायरस की वजह से उसे अपनी आय का सबसे बड़ा स्रोत पर्यटन बंद करना पड़ा था।
कोरोना में हुआ था जबरदस्त घाटा
कोरोना की वजह से हिमालय में बसे इस देश को जबरदस्त घाटा हुआ था। इसकी आबादी 8 लाख से कम है।
कोविड-19 के दौरान 61 हजार लोग कोरोना वायरस से प्रभावित हुए थे और महज 21 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन, उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होने से देश में गरीबी बढ़ गई।
सरकार का कहना है कि भूटान हाई वैल्यू-लॉ वॉल्यूम रणनीति पर काम कर रही है। वह चाहती है कि पर्यटन के संसाधनों का स्थायी उपयोग हो सके।
भूटान सरकार का कहना है कि पर्यटन हमारे देश की राष्ट्रीय संपत्ति है। हमें कार्बन न्यूट्रल भी रहना है।
इसलिए इस नए कर को लगाया जा रहा है। हम पर्यटन को स्थायी बनाने के लिए अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं।