महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अंतिम यात्रा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
यात्रा में भाग लेने से पहले ब्रिटेन की थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सैकड़ों जवानों ने शनिवार को पहला ‘फुल रिहर्सल’ किया।
विंडसर कासल की ओर जाने वाले बेहद सुंदर रास्ते ‘लांग वॉक’ पर सैनिकों की टुकड़ियां खड़ी थीं, ढोल बज रहे थे और मार्चिंग दस्ता धुन पर आगे बढ़ रहा था, महारानी के अंतिम संस्कार में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल होंगे।
ये सभी सैनिक सोमवार को महारानी एलिबेथ द्वितीय की अंतिम यात्रा में भी हिस्सा लेंगे। सैनिकों की परेड, मार्चिंग दस्ते, बैंड आदि के साथ विंडसर कासल से महारानी की अंतिम यात्रा शुरू होगी।
महारानी का 96 वर्ष की आयु में पिछले सप्ताह निधन हो गया था। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
अंतिम संस्कार वेस्टमिंस्टर एबे में होगा जिसमें विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों सहित करीब 2,000 अतिथियों के शामिल होने की संभावना है।
चीन के उपराष्ट्रपति भी होंगे शामिल
चीन ने शनिवार को कहा कि उपराष्ट्रपति वांग चिशान देश के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष प्रतिनिधि के रूप में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे।
गौरतलब है कि चीन की पाबंदियां झेल रहे ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने हालांकि, अंतिम संस्कार में चीनी सरकार के प्रतिनिधि को बुलाए जाने पर चिंता जताई है।
एक सांसद ने बीबीसी से कहा कि चीन के सुदूर पश्चिमी शिनजिआंग प्रांत में उइगुर जातीय समूह के मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर उसे (चीन) नहीं बुलाया जाना चाहिए था।
जापान के सम्राज लंदन के लिए रवाना
वहीं, जापान के सम्राट नरुहितो और सम्राज्ञी मसाको ब्रिटेन की महारानी दिवंगत एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए शनिवार को लंदन रवाना हुए।
अंतिम संस्कार में भाग लेने का सम्राट और सम्राज्ञी का यह फैसला ब्रिटेन और जापान के राज परिवारों के बीच के घनिष्ठ संबंधों को दिखाता है।
परंपरागत रूप से जापान के सम्राट अपने माता-पिता के अलावा अन्य लोगों के अंतिम संस्कार से दूरी बनाए रखते हैं क्योंकि शिन्तो धर्म के मुताबिक मृत्यु को अशुद्ध माना जाता है।
ताजपोशी में लिया था हिस्सा
पूर्व सम्राट अकिहितो ने युवराज रहते हुए 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी में और उनके शासककाल की हीरक जयंती समारोह में 2012 में हिस्सा लिया था।
महारानी 1975 में जापान यात्रा पर गई थीं। नरुहितो और मसाको की ब्रिटेन यात्रा देश के सम्राट और सम्राज्ञी के रूप में उनकी विदेश यात्रा है।