केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में कार्रवाई करते हुए नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी रवि कुमार राणा के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करके मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
दरअसल ये मामला बेहद रोचक है, क्योंकि रवि कुमार राणा के खिलाफ नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के खुफिया विंग में कार्यरत अधिकारी धीरज कुमार की एक शिकायत और उनकी एक रिपोर्ट के आधार पर CBI मुख्यालय में केस दर्ज किया गया।
उन पर सरकारी नौकरी के साथ 3 निजी कंपनियों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार किसी मसले पर रवि कुमार राणा को 17 मई 2016 से लेकर 13 मई 2019 तक सस्पेंड किया गया था।
उस दौरान केन्द्र सरकार के द्वारा वो सबसिस्टेंस भत्ता भी ले रहे थे। इसके साथ ही वे तीन प्राइवेट कंपनियों में भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे थे।
इस दौरान अवैध तौर पर पैसे अर्जित करने, नकली सरकारी दस्तावेज, नकली सैलरी स्लिप, एनसीबी का लेटर पैड का गलत इस्तेमाल करने और फर्जी सरकारी एनओसी बनवा कर प्राइवेट नौकरी हासिल करने का आरोप है।
देहरादून में एनसीबी ब्रांच में सुपरिटेंडेट पद पर कार्यरत थे राणा
बताया गया कि एक तरफ रवि कुमार राणा सरकारी फंड भी ले रहे थे और दूसरी तरफ प्राइवेट नौकरी का भी मजा ले रहे थे।
रवि कुमार राणा, देहरादून में एनसीबी ब्रांच में सुपरिटेंडेट पद पर कार्यरत थे। 13 जुलाई 2019 को रवि कुमार राणा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हे कंपलसरी रिटायरमेंट देकर जबरन हटा दिया गया था, लेकिन उसी दौरान साल 2020 में एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बाद रवि कुमार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई और उनकी परेशानी की वजह उनकी पत्नी खुद थी।
पत्नी की शिकायत पर खुला राणा का खेल, बढ़ी परेशानी
सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक रवि कुमार राणा का अपनी पत्नी से साल 2020 में कलह हो गया था और कई बार विवाद स्थानीय थाने तक पहुंचा।
राणा की पत्नी ने नोएडा स्थित थाना में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवाते हुए कई संगीन आरोप भी लगाए।
मामला इतने पर ही रूका नहीं, बल्कि साल 2021 में रवि कुमार की पत्नी ने केन्द्रीय गृहमंत्रालय में एक विशेष खत भेजकर कई संगीन आरोप की जानकारी साझा करते हुए बताई कि उनके पति साल 2016- 19 के दौरान सस्पेंड थे, उस वक्त तीन मल्टीनेशनल कंपनी में भी कार्य कर रहे थे। उस वक्त लाखों रूपये की अवैध तौर पर कमाई की लेकिन घर चलाने के लिए जब उनसे पैसे मांगे गए तो इंकार कर दिया।
अलग-अलग कंपनियों में नौकरी, कमाएं लाखों रुपए
सीबीआई के द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक रवि कुमार राणा, लीला एंबियंस कंपनी गुरूग्राम में सिक्योरिटी मैनेजर पद पर कार्यरत थे, जहां उनकी सैलरी करीब आठ लाख रूपये सलाना थी।
एचपी इंडिया कंपनी में सिक्योरिटी इनवेस्टीगेटर पद पर कार्यरत थे। इस कंपनी में रवि 15 नवंबर 2017 से लेकर 25 अक्टूबर 2019 तक कार्यरत थे।
जहां करीब एक लाख 24 हजार रूपये उनकी सैलरी थी। उबर कंपनी में लॉ इनफोर्समेंट प्रमुख के पद पर नार्थ और ईस्ट इंडिया जोन के प्रमुख के तौर पर करीब तीन महीने तक काम किया।
इस नौकरी को पाने के लिए एनसीबी के लेटर पैड पर फर्जी तरीके से दस्तावेजों को तैयार किया और गलत तरीके से उसका प्रयोग करने के आरोप हैं।