एडवांस में हैप्पी बर्थडे विश नहीं करूंगा, पीएम मोदी से क्यों बोले पुतिन, देखें वीडियो…

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को एडवांस में हैप्पी बर्थडे बोलने से इनकार कर दिया।

हालांकि इसके पीछे उन्होंने रूसी परंपरा का हवाला दिया। दरअसल मोदी और पुतिन ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत की।

इस साल फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान पुतिन ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी है कि पीएम मोदी कल अपना जन्मदिन मनाने वाले हैं।

पुतिन ने पीएम से कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, कल आप अपना जन्मदिन मनाने वाले हैं और हमें इस बारे में पता है।” प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को होता है। 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को एडवांस में हैप्पी बर्थडे बोलने से इनकार कर दिया। हालांकि इसके पीछे उन्होंने रूसी परंपरा का हवाला दिया।

दरअसल मोदी और पुतिन ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत की।

इस साल फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान पुतिन ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी है कि पीएम मोदी कल अपना जन्मदिन मनाने वाले हैं।

पुतिन ने पीएम से कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, कल आप अपना जन्मदिन मनाने वाले हैं और हमें इस बारे में पता है।” प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को होता है। 

क्या है बर्थडे विश को लेकर रूसी परंपरा? 

बता दें कि रूस में एडवांस में हैप्पी बर्थडे बोलने को अपशकुन माना जाता है। रूसी लोग किसी को भी एडवांस में बर्थडे विश नहीं करते हैं।

रूसी आमतौर पर अपनी डेट से पहले जन्मदिन नहीं मनाते हैं, क्योंकि इसे अपशकुन माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अपना जन्मदिन पहले ही मनाना शुरू कर देता है, वह असली जन्म तिथि तक जीवित नहीं रहने का जोखिम उठाता है। रूसी लोग मानते हैं कि जन्मदिन की पूर्व संध्या पर, जन्मदिन मनाने वाला व्यक्ति बीमारियों की चपेट में सबसे जल्द आ सकता है।

इसके अलावा रूस में एक और परंपरा है कि लोग अपना 40वां जन्मदिन नहीं मनाते हैं, क्योंकि वे इसे बैड लक मानते हैं।

यह एक अपशकुन माना जाता है, क्योंकि, एक ईसाई मान्यता के अनुसार, अंतिम संस्कार के 40वें दिन, आत्मा अंत में पृथ्वी छोड़ देती है। 

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