25 हजार में ‘फिंगरप्रिंट सर्जरी’ कर कई लोगों को भेजा कुवैत, ऐसे बदलते थे उंगलियों के निशान…

फिंगरप्रिंट यानी उंगलियों के निशान किसी भी इंसान की सबसे यूनीक पहचान होते हैं।

आधार कार्ड से लेकर ऑफिस की पंचिंग मशीन तक, हर जगह आपकी पहचान आपके फिंगरप्रिंट से होती है।

यहां तक कि उंगलियों के निशान को दोषियों को पकड़ने या किसी अपराध को सुलझाने का आसान तरीका माना जाता है, लेकिन अब इसमें भी सेंध लग चुकी है।

तेलंगाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो विदेश में नौकरी दिलाने के लिए लोगों की ‘फिंगरप्रिंट सर्जरी’ कराता था। 

पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, पकड़े गए आरोपी लोगों की अवैध ‘फिंगरप्रिंट सर्जरी’ करवाकर उन्हें नौकरी के लिए कुवैत भेजते थे।

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने राजस्थान के साथ-साथ केरल में भी फिंगरप्रिंट पैटर्न बदलने के लिए कम से कम 11 ऐसी सर्जरी की हैं। वे हर सर्जरी के लिए लोगों से 25,000 रुपये लेते थे।  

पुलिस ने बताया कि कुवैत में फिर से प्रवेश करने के लिए सर्जरी कराने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। 

पुलिस ने कहा कि सर्जरी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेडिकल किट और अन्य सबूत जब्त कर लिए गए हैं। सोमवार को, मलकाजगिरी जोन से एक स्पेशल ऑपरेशन टीम ने घाटकेसर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान चलाया और गज्जालकोंडुगरी नागा मुनेश्वर रेड्डी, सागबाला वेंकट रमना, बोविला शिव शंकर रेड्डी और रेंडला राम कृष्ण रेड्डी के रूप में पहचाने गए चार लोगों को पकड़ा।

वे कडप्पा (आंध्र प्रदेश) से आए थे और हैदराबाद के एक होटल में ठहरे हुए थे। आरोपियों की घाटकेसर में और लोगों की ऐसी ही सर्जरी करने की तैयारी थी।

पुलिस के अनुसार, गजलकोंडुगरी नागा मुनेश्वर रेड्डी वाईएसआर कडपा जिले के कृष्णा डायग्नोस्टिक्स में 36 वर्षीय रेडियोलॉजिस्ट और एक्स-रे तकनीशियन है।

39 वर्षीय सागबाला वेंकट रमना तिरुपति के डीबीआर अस्पताल में एनेस्थीसिया टेक्नीशियन है।

25 वर्षीय बोविला शिव शंकर रेड्डी और 38 वर्षीय रेंडला रामा कृष्ण रेड्डी कुवैत में कामगार के रूप में काम करते थे।

फिंगरप्रिंट सर्जरी ने उन लोगों की मदद की दो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के बाद कुवैत से निकाल दिए गए थे।

सर्जरी करने के लिए, गजलकोंडुगरी और सागबाला ने लोगों की उंगलियों की ऊपरी परत को काटा और टिश्यू (ऊतक) के एक हिस्से को हटा दिया और फिर इसमें टांके लगाए।

एक या दो महीने में, घाव ठीक होने के बाद करीब एक साल में उनका फिंगरप्रिंट पैटर्न भी बदल जाता था।

पुलिस ने कहा कि जिन लोगों ने सर्जरी करवाई है, वे फिर आधार कार्ड से अपनी उंगलियों के निशान अपडेट करवाते थे और नए पते के साथ कुवैत के लिए नया वीजा अप्लाई करते थे।  

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