एक और मदरसा पर चला बुलडोजर, अब तक सरकार ने 3 ढहाए, जानिए पूरा मामला…

असम के बोंगाईगांव में बुधवार को प्रशासन ने एक और मदरसा ढहा दिया।

आरोप है कि इस मदरसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था।

कबैतरी पार्ट-4 गांव में बने मरकाजुल मा-आरिफ कुआरियाना मदरसे को गिराने के लिए कई बुलडोजर बुलाए गए थे। इलाके में बड़ी संख्या में सैन्य बल भी तैनात किया गया था। असम में हाल ही में इमाम और मदरसे के शिक्षकों समेत 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इन पर आरोप था कि ये आतंकी संगठनों AQIS (अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट) और ABT (अंसारुल्लाह बांग्ला टीम) से जुड़े हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद से ही प्रशासन मदरसों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है। इससे पहले प्रशासन ने 4 और 29 अगस्त को दो और मदरसे गिराए थे।

सालों की मेहनत को एक दिन में उजाड़ रही सरकार

IUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि मदरसे बनाने में 20-30 साल लगते हैं, लेकिन सरकार एक दिन में बुलडोजर चलाकर गिरा रही है। राज्य में लाखों स्कूल है और क्या स्कूल में कोई व्यक्ति अपराधी होगा, तो स्कूल को गिरा दिया जाएगा।

दो मंजिला मदरसे में 224 छात्र लेते थे तालीम

मदरसा गिराए जाने से पहले मंगलवार रात को 224 छात्रों को दो मंजिला इमारत से निकाला गया। ऐसी खबरें थीं कि धार्मिक शिक्षकों के भेष में कुछ आतंकी राज्य में घुस आए हैं और राज्य विरोधी गतिविधियों में लगे हैं। 30 अगस्त को गोलपारा पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाकर यहां से कई अहम दस्तावेज बरामद किए थे।

इसमें ABT से जुड़ा एक पर्चा और AQIS का संदिग्ध लोगो मिला। बोंगाईगांव SP स्वप्ननील देका के मुताबिक जिला प्रशासन ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी करके कहा था कि मदरसा की इमारत कभी भी गिर सकती है। इन्हें तय मानकों के हिसाब से नहीं बनाया गया था इसलिए इसमें लोगों का बैठना खतरनाक है।

असम CM ने कहा था- आतंक का हब

सोमवार यानी 29 अगस्त को असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि मदरसों को आतंकियों के ट्रेनिंग हब के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इन मदरसों में शिक्षा की बजाय आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही है।

दो मदरसे पहले ही ढहाए जा चुके हैं

9 अगस्त को राज्य सरकार ने बरपेटा जिले के ढाकलीपारा इलाके में शेखुल हिंद महमुदुल हसन जमुइल हुदा इस्लामिक एकेडमी मदरसे को ढहाया था। इस मदरसे में भी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने का आरोप था। साथ ही यह अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया था।

वहीं 4 अगस्त को सारुल्लाह बांग्ला और AQIS संगठन से कनेक्शन के आरोप में प्रशासन ने पहली बार कार्रवाई की थी। प्रशासन ने इसके संचालक मुस्तफा को पहले गिरफ्तार किया, फिर उसके निजी मदरसे को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया था।

असम में 2 साल से मदरसों को लेकर विवाद

असम में 2020 में पहली बार राज्य सरकार ने मदरसों का अनुदान बंद कर दिया। उस वक्त हिमंत बिस्वा सरमा राज्य के शिक्षा मंत्री थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनुदान बंद होने की वजह राज्य में 2 साल में करीब 800 मदरसे बंद हो गए। हालांकि 1000 से ज्यादा निजी मदरसे अब भी चल रहे हैं। इनका संचालन ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया करती है।

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