बाढ़ से जूझते पाक पीएम शहबाज की अकड़ नहीं हुई कम: मदद की आस और ‘कश्मीर राग’ भी…

पाकिस्तान में बाढ़ से हालात बेकाबू हो चुके हैं। 10 दिनों की लगातार बारिश के कारण पाकिस्तान में एक तिहाई हिस्सा डूब चुका है।

3.3 करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पाकिस्तान की सरकार के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उसके पास इस विनाशकारी आपदा से निपटने के लिए न पैसा है न ही राशन। पाक के वित्त मंत्री ने कहा कि वे भारत से खाग्य आयात पर विचार कर सकते हैं।

दूसरी ओर पाक पीएम शहबाज शरीफ की अकड़ अभी भी कम नहीं हुई है। एक बार फिर जम्मू कश्मीर का राग अलापते हुए भारत पर अनर्गल आरोप लगाते हुए शरीफ ने कहा भारत में नरसंहार चल रहा है। धारा 370 हटाकर भारत ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया है। 

विनाशकारी बाढ़ में मदद के लिए दुनिया की तरफ टकटकी लगाए पाकिस्तान के लिए राहत वाली बात तब सामने आई जब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए पड़ोसी मुल्क में प्राकृतिक आपदा पर दुख व्यक्त किया और कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

पीएम मोदी के इस बयान से दोनों देशों के बीच संभावित सहयोग की उम्मीद जगी है। मीडिया रिपोर्ट्स यह भी है कि भारत सरकार पाकिस्तान को मदद मुहैया कराने के लिए हाई लेवल पर मीटिंग भी कर रही है लेकिन, इन उम्मीदों को झटका पाक पीएम शहबाज शरीफ के बयान से लगा।

शहबाज ने अलापा कश्मीर राग

जिस वक्त पाकिस्तान प्रलयकारी बाढ़ का सामना कर रही है। पाकिस्तान की आवाम जिंदगी के लिए हर पल जंग लड़ रही है। 3.3 करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं। एक तिहाई हिस्सा डूब चुका है। लाखों की संख्या में घर बह गए। 1000 से ज्यादा लोग काल के ग्रास में समा गए।

शहबाज शरीफ ने इस मुश्किल वक्त में भी कश्मीर राग अलापना नहीं छोड़ा है। खाद्य आयात और भारत के साथ व्यापार को फिर से शुरू करने पर सवालों पर उन्होंने कहा, “भारत के साथ व्यापार करने में कोई समस्या नहीं होगी लेकिन वहां नरसंहार चल रहा है और कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के 2019 के फैसले का जिक्र करते हुए शरीफ ने कहा, “अनुच्छेद 370 को समाप्त करके कश्मीर को जबरन कब्जा कर लिया गया है।”

शहबाज आगे कहते हैं, “हालांकि, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठकर बात करने के लिए तैयार हूं। हम युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमें अपने-अपने देशों में गरीबी को कम करने के लिए अपने अल्प संसाधनों को समर्पित करना होगा, लेकिन हम इन मुद्दों को हल किए बिना शांति से नहीं रह सकते।”

दरअसल, इससे पहले सोमवार को, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका देश भारत से सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के आयात पर विचार कर सकता है ताकि लोगों को अचानक बाढ़ में फसलों के व्यापक विनाश से निपटने में मदद मिल सके।

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