रांची में 29 साल की एक आदिवासी दिव्यांग से दरिंदगी का मामला सामने आया है।
उसे 8 साल से एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर महेश्वर पात्रा की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा ने घर में कैद करके रखा था।
पीड़ित का नाम सुनीता है। उसने बताया कि उसे भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। रॉड से पीटा जाता था और गर्म तवे से जलाया जाता था। फिलहाल उसे कैद से छुड़ाकर रांची रिम्स में भर्ती कराया गया है। सुनीता ने पुलिस को बताया कि मालिक इतने बेरहम थे कि रॉड से मारकर दांत तोड़ दिए।
चलने में लाचार हो गई। घिसटकर चलती थी। कभी पेशाब कमरे से बाहर चली जाए तो सीमा जीभ से फर्श साफ करवाती थी। सुनीता ने बताया कि उसने सालों से सूरज की रोशनी नहीं देखी। खबर सामने आने पर सीमा को पार्टी से निकाल दिया गया है।
राज्यपाल बैस नाराज
राज्यपाल रमेश बैस ने सीमा पात्रा मामले पर संज्ञान लेते हुए अपनी नाराजगी जताई है। पुलिस की शिथिलता पर भी अपनी गंभीर चिंता जताते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक से पूछा है कि अब तक पुलिस ने दोषी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है।
घर जाने काे कहती तो मारते थे मालिक
पात्रा दंपती रांची के VIP इलाके अशोक नगर में रहते हैं। पीड़ित सुनीता ने बताया कि वह गुमला की रहने वाली है। सीमा पात्रा के दो बच्चे हैं। बेटी की दिल्ली में जॉब लगी तो वह 10 साल पहले घर में काम करने दिल्ली गई। 6 साल पहले वह रांची वापस आ गई।
उसे शुरू से ही प्रताड़ित किया जा रहा था। वो काम छोड़ना चाहती थी, लेकिन 8 साल से घर में बंधक बनाकर रखा गया था। घर जाने के लिए कहती तो बुरी तरह मारा-पीटा जाता था। बीमार होने पर इलाज भी नहीं कराया जाता था।
पात्रा दंपती के कैद से ऐसे निकली युवती
सुनीता ने एक दिन किसी तरह मोबाइल पर सरकारी कर्मचारी विवेक आनंद बास्के को मैसेज भेजकर अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में जानकारी दी। सूचना पर अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज की गई। इसके बाद रांची पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने सुनीता को रेस्क्यू किया।
‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की प्रदेश संयोजक रहीं सीमा
सीमा के पति महेश्वर पात्रा राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग में सचिव रहे हैं और विकास आयुक्त के पद से रिटायर हुए हैं। सीमा भाजपा नेता भी रहीं। उन्हें पार्टी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का प्रदेश संयोजक भी बनाया था।
एससी-एसटी धाराओं के तहत मामला दर्ज
सीमा पात्रा के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में एससी-एसटी की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। साथ ही आईपीसी की धाराओं में भी केस दर्ज किया गया है।
हटिया डीएसपी राजा मित्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। पुलिस पीड़ित के मेडिकली फिट होने का इंतजार कर रही है ताकि बयान दर्ज कराया जा सके। सुनीता की सुरक्षा में दो महिला पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया है।