बाढ़ से घुटनों पर आया पाकिस्तान, भारत से व्‍यापार शुरू करने को हुआ मजबूर; बड़ी घोषणा…

भुखमरी की कगार पर खड़े पड़ोसी देश पाकिस्तान ने आखिरकार भारत के साथ फिर से व्यापार शुरू करने का फैसला लिया है। 

पाकिस्तान इस समय भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। करोड़ों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। महंगाई आसमान छू रही है।

दरअसल पाकिस्तान के लाहौर और पंजाब प्रांत के अन्य हिस्सों में विनाशकारी बाढ़ के कारण विभिन्न सब्जियों और फलों की कीमतों में भारी उछाल आई है। इसको देखते हुए पाकिस्तान सरकार भारत से टमाटर और प्याज का आयात करेगी। 

पाकिस्तान मीडिया ने सोमवार को वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के हवाले से कहा कि पाक फिर से भारत के साथ व्यापार शुरू करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार (खुला व्यापार मार्ग) फिर से शुरू करेगा।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने घोषणा करते हुए कहा, “हम इस बाढ़ और खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण भारत के साथ व्यापार मार्ग खोलेंगे।” 

लाहौर बाजार के एक थोक व्यापारी जवाद रिजवी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘रविवार को लाहौर के बाजारों में टमाटर और प्याज की कीमत क्रमश: 500 रुपये और 400 रुपये किलो रहा।

हालांकि, रविवार के बाजारों में टमाटर और प्याज समेत अन्य सब्जियां नियमित बाजारों की तुलना में 100 रुपये प्रति किलोग्राम कम कीमत पर उपलब्ध थीं।’’

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में खाद्य पदार्थों की कीमतें और बढ़ेंगी क्योंकि बाढ़ के कारण बलूचिस्तान, सिंध और दक्षिण पंजाब से सब्जियों की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। रिजवी ने कहा, ‘‘आगामी दिनों में प्याज और टमाटर की कीमत 700 रुपये प्रति किलो के पार हो सकती है। इसी तरह आलू की कीमत 40 रुपये किलो से बढ़कर 120 किलो हो गई है।’’

पता चला है कि सरकार वाघा सीमा के जरिए भारत से प्याज और टमाटर आयात करने के विकल्प पर विचार कर रही है। वर्तमान में लाहौर और पंजाब के अन्य शहरों में तोरखम सीमा के जरिए अफगानिस्तान से टमाटर और प्याज की आपूर्ति हो रही है।

लाहौर मार्केट कमेटी के सचिव शहजाद चीमा ने कहा कि बाढ़ के कारण शिमला मिर्च जैसी सब्जियों की भी बाजार में कमी हो गई है। चीमा ने कहा कि सरकार भारत से प्याज और टमाटर का आयात कर सकती है।

उन्होंने कहा कि ताफ्तान सीमा (बलूचिस्तान) के जरिए ईरान से सब्जियों का आयात करना उतना सुगम नहीं है क्योंकि ईरान सरकार ने आयात और निर्यात पर कर बढ़ा दिया है।

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