उत्तर प्रदेश के चंदौली से नाबालिग बच्चों के बंधुआ मजदूरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
यहां मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चंदासी इलाके से नाबालिग बच्चों के बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आने के बाद लोग दंग रह गए।
सीडब्लूसी और पुलिस की रेड में कुल 39 लोग रेस्क्यू किये गए है, जिसमें 2 नाबालिग शामिल है, फिलहाल पुलिस कुछ आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है. बरामद ज्यादातर बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं।
बताया गया कि घटना का खुलासा तब हुआ, जब आरोपियों के चंगुल से भागी एक नाबालिक बच्ची के सीडब्लूसी काउंसलिंग के दौरान यह मामला सामने आया।
पीड़ित बच्ची ने बताया कि ग्लेवे कंपनी के नाम पर उसे यह कह कर बुलाया गया कि, 15 हजार की नौकरी दी जाएगी।
उससे कहा गया था कि ऑफिस में काम करने की नौकरी होगी, लेकिन लड़की जब यहां आई तो उससे साढ़े आठ हजार रुपये ले लिए गए और लगातार ट्रेनिंग के नाम पर कुछ और ही चीज बताई जाने लगी जिसके बाद यह लड़की ने यहां से जाने के लिए कहा तो वहां मौजूद लोगों ने उसे डरा धमका कर रोक दिया।
28 दिनों से भागने का कर रही थी प्रयास
लड़की ने बताया कि बीते 28 दिनों में उसने कई बार वहां से भागने का प्रयास किया था, जिसके बाद संचालकों ने उसे सबसे अलग दूसरे स्थान पर ले जाकर रख दिया, जहां पहले से भी काफी बच्चे थे।
लड़की ने बताया कि किसी तरह वो, वहां से भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंची, जहां उसने आरपीएफ के लोगों को सारा घटनाक्रम बताया।
लड़की द्वारा पूरी घटना सुनने के बाद आरपीएफ के लोगों ने नाबालिक बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया. जहां काउंसलिंग के दौरान यह पूरा प्रकरण सामने आया।
इसके बाद बचपन बचाओ आंदोलन के लोगों ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस और आरपीएफ के अधिकारियों के साथ चंदासी इलाके के एक घर मे रेड की, जहां दो दर्जन से अधिक बच्चियों और बालकों को बरामद किया है, इस दौरान पुलिस ने एक आरोपी को भी हिरासत में लिया है।
आपको बता दें कि बच्चों को कमरे में रखकर उन्हें ऑनलाइन बिजनेस के गुण सिखाने के लिए, साढ़े आठ हजार रूपये लिए गए थे।
खास बात यह है कि यहां रखे गए लड़के जब तक तीन अन्य बच्चों को यहां लेकर नहीं आते थे, उन्हें यहां से जाने नहीं दिया जाता था, हालांकि आरोपी बंधुआ मजदूरी कराये जाने की बात से इंकार कर रहा है, पूरे मामले को लेकर पुलिस ने कहा जांच चल रही है, जल्द ही पूरी घटना का खुलासा किया जाएगा।