अमेरिका के राष्ट्रीय अभिलेखागार और न्याय विभाग ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेजों को हासिल करने के लिए डेढ़ साल से अधिक समय तक बार-बार कोशिश की और असफल रहे।
आखिरकार ट्रंप के तमाम बहानों के बाद सरकार को कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा, एफबीआई ने जब अदालत के आदेश से 8 अगस्त को ट्रंप के फ्लोरिडा के आवास मार-ए-लागो की तलाशी ली तब जाकर इन गोपनीय दस्तावेजों को फिर से हासिल किया जा सका, इस पूरे काम में डेढ़ साल से ज्यादा का समय लग गया।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा के आवास मार-ए-लागो की तलाशी लेने के लिए वारंट का अनुरोध करने वाले न्याय विभाग के एक हलफनामे से ये साफ है कि सरकारी गोपनीय दस्तावेजों को हासिल करने के लिए कानूनी कार्रवाई करने से पहले सरकार ने कितनी कोशिश की जिससे कि इन दस्तावेजों को हासिल किया जा सके।
इन दस्तावेजों के बारे में 2020 के अंत में नेशनल आर्काइव्स और ट्रंप के स्टॉफ के बीच बातचीत शुरू हुई. ट्रम्प के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने इसके बारे में ध्यान रखने का भरोसा दिलाया लेकिन अपना वादा पूरा नहीं कर सके।
डोनाल्ड ट्रंप को मई, 2021 में अभिलेखागार की टीम को लापता सामग्री के बारे में सचेत करती है, लेकिन वे कोई ध्यान नहीं देते।
सरकार को पता चलता है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ किया गया मूल पत्राचार गायब था, इसके बाद ट्रंप ने किम के पत्र को लौटाने की पेशकश की थी. फिर भी वे पत्र वापस नहीं किए जाते हैं।
इसके बाद 2021 के अंत तक अभिलेखागार के अधिकारियों का धीरज जवाब देने लगता है, अभिलेखागार के अधिकारियों ने ट्रम्प के प्रतिनिधियों को चेतावनी दी कि अगर पूर्व राष्ट्रपति राष्ट्रपति रिकॉर्ड अधिनियम का पालन करने से इनकार करते हैं तो न्याय विभाग या कांग्रेस को अलर्ट किया जा सकता है।
इसके बाद एक तलाशी वारंट जारी किया जाता है और अगस्त 8 को एफबीआई मार-ए-लागो की तलाशी लेती है, जिसमें गोपनीय सामग्री के ग्यारह सेट बरामद किए गए।