भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कांग्रेस के उस दावे का माखौल उड़ाया कि वह एकमात्र पार्टी है जिसमें आंतरिक चुनाव (Congress internal elections) कराए जाते हैं।
सत्तारूढ़ दल ने इसे ‘‘मजाक’’ करार देते हुए कहा कि क्या यह अक्टूबर में ‘अप्रैल फूल दिवस’ (मूर्ख दिवस) मनाने के लिए है जब चुनाव की तारीख तय की गई है।
कांग्रेस द्वारा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तारीख 19 अक्टूबर घोषित किए जाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाने वाली एकमात्र पार्टी होने का दावा किए जाने के बाद भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सवाल किया ‘‘क्या यह मजाक है।’’
सभी इस तमाशे की सच्चाई को जानते हैं
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने व्यंग्य करते हुए सवाल किया, ‘‘इस साल अक्टूबर में मूर्ख दिवस मनाया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि सभी ‘‘ इस तमाशे ’’ की सच्चाई को जानते हैं।
पूनावाला ने कहा, ‘‘कांग्रेस वास्तव में लोकतंत्र मुक्त और जवाबदेही मुक्त पार्टी है। वहां प्रदर्शन से अधिक परिवार और गुण से अधिक चापलूसी अहम है।’’
उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘वहां किसी ऐसे व्यक्ति को दोबारा नेतृत्व देने पर शोरशराबा नहीं होगा जिसके नेतृत्व में 49 में से 39 विधानसभा चुनावों में और दो लोकसभा चुनावों में हार मिली हो।’’
पूनावाला ने आरोप लगाया, ‘‘यह चयन या मुगल सल्तनत शैली में ताजपोशी से ज्यादा कुछ नहीं है जिसे चुनाव जैसा स्वरूप दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि हाल में कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद सहित कई नेताओं ने राहुल गांधी और प्रस्तावित चुनाव प्रक्रिया की आलोचना की थी और आतंरिक चुनाव को ‘दिखावा’ करार दिया था।
भाजपा में शामिल होने से पहले पूनावाला भी कांग्रेस के सदस्य थे, पूनावाला ने रेखांकित किया कि जब वह कांग्रेस में थे तो स्वयं संगठनात्मक चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया जो उसकी ‘‘मुगल शैली’’ की ताजपोशी को उजाकर करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को होगा चुनाव
गौरतलब है कि कांग्रेस ने कयासों पर विराम लगाते हुए रविवार को घोषणा की कि पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा, इसकी घोषणा कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने की।
पूनावाला ने आरोप लगाया कि रमेश ने आजाद की आलोचना और कई नेताओं द्वारा उनका समर्थन किए जाने के बाद यह घोषणा की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूरी चुनाव प्रक्रिया ‘‘धांधली’ है क्योंकि सभी प्रतिनिधियों की नियुक्त गांधी परिवार द्वारा इच्छित नतीजे के लिए की जाती है।