राज्यपाल ने महापौरों को नसीहत देते हुए कहा” लोगों के फोन उठाएं, पद के पीछे न भागें”…

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके अखिल भारतीय महापौर परिषद के सम्मेलन में शामिल हुईं। रविवार को रायपुर में एक होटल में इस सम्मेलन का समापन किया गया।

इस दौरान देशभर से आए महापौरों के साथ राज्यपाल ने एक याद साझा की, उन्होंने पिछले निगम चुनाव में चुनकर आए पार्षदों से मुलाकात के दौरान का किस्सा शेयर करते हुए कहा- मैंने तब सभी नए चुनकर आए प्रतिनिधियों से कहा था अपना मोबाइल फोन 24 घंटे ऑन रखें।

राज्यपाल उइके ने कहा- जब हम जिम्मेदार पदों पर पहुंचते हैं, तो कई बार हमारा फोन बंद हो जाता है। या हम लोगों के फोन नहीं उठाते। राज्यपाल ने सभी महापौरों से कहा कि, लोगों की परेशानियों को सुनें, उनकी बातों को सुनने के दौरान एक अच्छा व्यवहार जरूर रखें।

पद के पीछे न भागें, पद आपके पीछे भागेगा । राज्यपाल ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि, मैं 26 साल की उम्र में विधायक बनीं, मैंने कभी सोचा भी नहीं था। लेकिन लोगों के प्रति मेरी निष्पक्ष और संवेदनशील व्यवहार की वजह से ही मुझे पसंद किया गया।

51वें अखिल भारतीय महापौर परिषद के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के सभी महापौरों के अलावा देशभर से 52 महापौर रायपुर पहुंचे हुए थे। 3 दिनों तक चले इस सम्मेलन के दौरान महापौर ने अपने-अपने शहरों में किए जा रहे प्रयोगों को साझा किया।

महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आगरा के महापौर नवीन जैन ने बताया इस बैठक में तय किया गया कि सभी महापौर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने-अपने शहरों में काम करेंगे।

जैन ने आगे कहा- लोगों की जिंदगी में जन्म से मृत्यु तक का काम नगर निगम ही करता है। महापौरों को आने वाली दिक्कतों में स्थानीय विधायक, सांसदों से कोऑर्डिनेशन बढ़ाकर काम करने पर बात हुई। सभी महापौर ने हरियाली बढ़ाने का संकल्प लिया है।

हर शहर में अब महापौर ट्री गार्ड के साथ बड़े स्तर पर प्लांटेशन करेंगे। लोगों से अपील करेंगे कि अपने मांगलिक कार्यक्रम में पौधे लगाकर ही कार्यक्रम की शुरूआत करें।

सभी महापौर केंद्र से मांग कर रहे हैं कि, सिविल सर्विस में एक नगर निगम कैडर शुरू किया जाए। जो IAS अफसर इसमें आएगा वो निगमों में ही काम करें। चाहे उसका ट्रांसफर रायपुर से भोपाल हो मगर निगम में ही हो।

अभी होता ये है कि नए अफसरों को आयुक्त बना देते हैं, उनके मन में दूसरे बड़े पद का भाव होता है वो मन लगाकर काम नहीं कर पाते हैं।

महापौर को दिए जाने वाले अधिकार और शक्तियों में इजाफा करने की मांग भी केंद्र सरकार से की गई है। कार्यक्रम में पहुंचे सांसद सुनील सोनी ने महापौरों की ये मांग दिल्ली पहुंचाने का आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी बात केंद्र सरकार तक जरूर पहुंचाएंगे।

वहीँ कार्यक्रम में बतौर मेहमान रायपुर के सांसद साेनी भी पहुंचे थे। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि, रायपुर निगम या देशभर से आए महापौर प्राइवेट पार्टनर शिप पर काम करें। इससे शहर को खड़ा किया जा सकता है।

2006 में मैंने रायपुर में ट्रैफिक सिग्नल लगवाए। विशाखापटनम की एजेंसी से काम हुआ। मैंने चौराहों पर 4 बाय 4 की जगह दी। वहां विज्ञापनों से खर्च निकल आया, एजेंसी ने ही सिग्नल लगाया, मेंटनेंस की बिजली बिल दिया।

इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए रायपुर के एजाज ढेबर ने कहा- सांसद जी साथ दें, हर चीज में साथ क्यों नहीं देते। बोलना ठीक है उन्होंने बोला है तो सोच समझकर ही बोला होगा। मगर उनकी भी जवाबदारी है।

रायपुर के विकास में उनकी अहम भूमिका होनी चाहिए। ये सिर्फ महापौर का ही शहर नहीं है। सांसदों, विधायकों का भी शहर है। रायपुर लोकसभा की जनता ने जिताकर उन्हें भेजा है, सबकी जिम्मेदारी है सब मिलकर काम करेंगे तो विकास होगा।

सांसद का जवाब – भ्रष्ट आचरण में साथ नहीं दूंगा
महापौर ढेबर के बयान पर सांसद सुनील सोनी ने कहा-मैं भ्रष्ट आचरण में साथ नहीं देता, शहर की मूल समस्या दूर करने पर काम करें मेरा पूरा साथ है। विकास कार्य हों स्मार्ट सिटी बनाएं मैं बढ़-चढ़कर साथ देता हूं।

5 करोड़ का फाउंटेन लगा बूढ़ा तालाब में वो चला ही नहीं तो क्या इसमें साथ दें। बिना ट्रैफिक नॉर्म्स का पालन किए चौराहे बन रहे हैं तो क्या इसमें साथ दें। लॉन्ग टर्म विजन लेकर काम हो, मैंने सुझाव दिया कि अंडर ग्राउंड वायरिंग पर काम करें, सड़कें पोल मुक्त होंगी सुंदर लगेंगे इस तरह से काम हो उसमें मेरा साथ रहेगा। भ्रष्ट आचरण में नहीं

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