बिहार में जदयू के साथ गठबंधन टूटने और सत्ता जाने के बाद भाजपा अब आक्रामक तेवरों के साथ विपक्ष की भूमिका में उतरने जा रही है।
दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ राज्य भाजपा के कोर ग्रुप की मैराथन बैठक में भावी रणनीति का खाका खींचा गया।
नई रणनीति में भाजपा व्यापक बदलाव भी करेगी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल के दोनों सदनों में बदलाव संभावित है। भाजपा मुख्यालय में मंगलवार रात लगभग साढ़े तीन घंटे चली बिहार भाजपा कोर कमेटी की बैठक में सभी प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में केंद्रीय नेतृत्व ने मौजूदा राजनीतिक हालात की व्यापक समीक्षा की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद के हालात और पार्टी की भावी रणनीति को लेकर राज्य के नेताओं से जानकारी हासिल की और आगामी लंबी लड़ाई को लेकर मंत्र भी दिए।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व में स्पष्ट किया कि अब सीधी लड़ाई है और ज्यादा मेहनत करनी होगी। हमारे पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा है और उस को आगे लेकर हम पूरी ताकत से जनता के बीच जाएंगे।
प्रदेश नेतृत्व में भी बदलाव संभव
भाजपा अपनी भावी लड़ाई के लिए व्यापक बदलाव भी करेगी। सूत्रों के अनुसार बैठक में बदलाव को लेकर भी संकेत मिले। इसमें प्रदेश अध्यक्ष और विधानमंडल के दोनों सदनों विधानसभा और विधान परिषद में नेताओं का बदला जाना शामिल है।
प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कार्यकाल वैसे भी सितंबर में समाप्त हो रहा है। भावी रणनीति में अब नए युवा और तेजतर्रार नेताओं को आगे रखकर आगे बढ़ा जाएगा। अनुभवी नेताओं को जोड़कर के मजबूत टीम तैयार की जाएगी।
इसमें सभी सामाजिक समीकरणों का भी व्यापक ध्यान रखा जाएगा। छोटे राजनीतिक दलों जिनका महत्वपूर्ण सामाजिक आधार उनको साथ भी जोड़ा जाएगा। इसमें अगड़े, पिछड़े, दलित, महादलित सभी को जोड़ने की रणनीति पर विशेष काम किया जाएगा।