उत्तर प्रदेश; हाईकोर्ट में सरकार की दलील- यूपीपीएससी भर्ती में नियमानुसार दिया गया पूर्व सैनिकों को आरक्षण…

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2021 प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम निरस्त करने के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ यूपी लोक सेवा आयोग की ओर दाखिल विशेष अपील पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट मे सुनवाई हुई।

मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने पक्ष रखा, जबकि यूपी लोक सेवा आयोग की ओर से सीनियर एडवोकेट गोविंद कुमार सिंह, अधिवक्ता निपुण सिंह और अवनीश त्रिपाठी ने पक्ष रखा।

यूपी लोक सेवा आयोग की ओर से दलील दी गई कि कानून के मुताबिक ही पूर्व सैनिकों को पीसीएस भर्ती में आरक्षण दिया गया है. हालांकि इस मामले में आज बहस पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की है।

मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच के ना बैठने के चलते जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई।

बता दें कि यूपी लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा परिणाम को रद्द किए जाने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल की है।

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पीसीएस-2021 की प्रारंभिक परीक्षा परिणाम को पूर्व सैनिकों को पांच फीसदी का लाभ न दिए जाने के आधार पर रद्द कर दिया था, जबकि आयोग मुख्य परीक्षा कराने के बाद साक्षात्कार भी पूरा कर चुका है।

बता दें कि जूनियर वारंट ऑफिसर सतीश चंद्र शुक्ला व तीन अन्य ने याचिका दाखिल कर पीसीएस-2021 के घोषित प्रारंभिक परीक्षा परिणाम को चुनौती दी थी, याचिका में कहा गया था कि यूपी सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बावजूद पूर्व सैनिकों को इस भर्ती परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई कर अपने आदेश में प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को रद्द कर दिया था, कोर्ट ने अपने फैसले में नए सिरे से परिणाम जारी करने का आदेश दिया था।

यूपी लोक सेवा आयोग ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ विशेष अपील दाखिल कर उसे चुनौती दी है।

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