मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुर में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन में कहा-

90 देशों में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है। हमारे छत्तीसगढ़ में भी बहुत आयोजन हो रहे हैं। 

झारखंड में जनजातीय महोत्सव का आयोजन किया गया था, उसमें भी शामिल होने का मौका मिला।

आदिवासियों के हित में हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। 

किसानों की ऋण माफी।

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना की किश्त का भुगतान 20 अगस्त को हितग्राहियों के खाते में किया जाएगा। 

हमारी सरकार आर्थिक स्थिति सुधारने में लगातार काम कर रही है।

वन क्षेत्रों में आदिवासी भाई बहनों को योजनाओं का बड़ा लाभ मिल रहा है।

वनाधिकार पट्टा, जमीन वापसी, वन संसाधन अधिकार जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं हमने। 

पेशा कानून लागू था लेकिन नियम नहीं बने थे, हमने नियम बनाए। आदिवासियों को उनका अधिकार मिल रहा है। 

हमने हर किसी को अधिकार संपन्न बनाने का काम किया है।

पशुपालकों की आय बढ़ाने के काम हम कर रहे थे। पहले गोबर खरीदी, अब गोमूत्र खरीदी का काम हम कर रहे हैं।

वर्मी कंपोस्ट से बड़ा फायदा हो रहा है। जैविक खेती की दिशा में हम लगातार कदम बढ़ा रहे हैं।

यदि गांवों में दूध उत्पादन बढ़ेगा। 

छत्तीसगढ़ को तंदुस्त बनाना है तो बच्चों को तंदुरुस्त बनाना होगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन में कहा-
आदिवासी समाज में बहुत से पुरखों ने आजादी की लड़ाई लड़ी है। हमारे यहां गांव-गांव में क्रांतिकारी हुए हैं। 

नारागांव के स्वतंत्रता सेनानियों शहिद सुकालू करियाम, बिसाहू राम गायकवाड़, पीताम्बर मंडावी, सरजू मंडावी की स्मृति में समाधिस्थल एवं सौंदर्यीकरण के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा। 

गुरुर में शहीद वीर नारायण सिंह चौक पर प्रतिमा स्थापना हेतु 10 लाख रुपए की स्वीकृति।

आदिवासी सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार के लिए 50 लाख रुपए की घोषणा।

हॉस्पिटल के जीर्णोद्धार की घोषणा।

प्री मैट्रिक छात्रावास के लिए 20 से बढ़ाकर 50 सीटर करने के साथ ही जीर्णोद्धार के लिए 20 लाख रुपए की घोषणा। 

बालोद में बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण की घोषणा।

20 लाख रुपए गुरुर गांव के विकास के लिए प्रदान करने की घोषणा।

शौर्य, साहस, शक्ति और मातृभूमि के समर्पण के लिए आदिवासी नायकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मैं उन सभी को नमन करता हूं।

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