राज्यपाल सुश्री उइके ने भारतीय सेना के वीरता पुरस्कार प्राप्त जवानों को किया सम्मानि…

 राजभवन में एण्टी नक्सल टास्क फोर्स रायपुर द्वारा भारतीय सेना के गैलेन्ट्री अवार्ड विजेताओं के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

समारोह में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने देश के वीर जवानों और शहीदों को नमन एवं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि इन जवानों के समर्पण, त्याग और बलिदान से ही हम अपनी आजादी का उत्सव मना रहे हैं।

देश के जवानों का सम्मान उनके लिए अत्यंत गौरव की बात है। उन्होंने जवानों के परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की रक्षा में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। उनके सहयोग, समर्पण, विश्वास एवं देश के प्रति अगाध प्रेम के कारण ही, हमारे जवान देश के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभा पाते हैं। 

राज्यपाल ने कहा कि जल, थल और गगन में हमारी सेनाओं की बढ़ती ताकत ने देश को विश्व पटल पर सामरिक रूप से मजबूत किया है। आजादी के बाद देश ने रक्षा क्षेत्र में अपनी क्षमता विकसित की और आज आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर है।

कठिन परिस्थितियों में सियाचीन से लेकर सागर के तटों तक हमारे जवान डटे रहते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रति प्रेम ही हमारे जवानों के ऊर्जा का स्रोत है जिससे वे कठिन से कठिन परिस्थिति में भी बुलंद हौसलों के साथ देश की सीमा की सुरक्षा में सतर्क होकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सेना के जवानों ने देश के लिए ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक जैसे कई महत्वपूर्ण अभियानों में अपनी भूमिका निभाई और लाखों सैनिकों ने भी देश की सेवा में अपने प्राणों की आहूति भी दी है। देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पायेगा।

राज्यपाल ने कहा कि इस आजादी को पाने के लिए लाखों लोगों ने अपनी शहादत दी है। इस आजादी को बनाये रखने में भी हम सभी को पूर्ण रूप से समर्पित होना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में नक्सली घटनाओं में हमने अपने देश के कई वीर जवानों को खोया है।

देश के आंतरिक सुरक्षा में जवानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधियों में घायल जवानों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने के साथ कई ऐसे अभियान हैं जिनमें वायु सेना के जवानों एवं अर्द्धसैनिक बलों का अमूल्य सहयोग छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। 

अग्निवीर योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आरंभ किए गए इस योजना से सेना में युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा । इससे बड़ी संख्या में युवाओं को देश की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। इससे छत्तीसगढ़ के युवा भी लाभान्वित होंगे।

इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने देश-प्रदेश के सभी लोगों से आग्रह किया कि जिस प्रकार सेना के जवान देश की सेवा और रक्षा करते हैं, हमें भी संविधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्यों का पालन करते हुए देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। 

राज्यपाल सुश्री उइके ने इस सम्मान समारोह में भारतीय सेना के वीर चक्र, शौर्य चक्र और सेना मेडल प्राप्त सेना के 11 जवानों एवं उनके परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने ग्रुप कैप्टन द्वय पंकज जायसवाल और मंजीत सिंह सिद्धू, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर प्रनब कुमार लहरे, कर्नल सुदीप कुमार मिश्रा एवं एस. ई. पी. गणेश राम को सम्मानित किया।

थ ही मरणोपरांत वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले जवानों लेफ्टिनेंट राजीव पाण्डेय, एन. के. कौशल यादव, कार्पोरल निलेश नयन, लेफ्टिनेंट पंकज विक्रम, एस. ई. पी. सुरजीत सिंह एवं एस. ई. पी. बलराम धु्रव के सम्मान मंे उनके परिजनों को शाल और स्मृति चिन्ह भेंट किया।

साथ ही इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने मंच से उतरकर मरणोपरांत वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय सेना के जवान की माता से कुशलक्षेम पूछा एवं किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर सैनिक कल्याण बोर्ड को सहायता देने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, उपसचिव दीपक अग्रवाल, ब्रिगेडियर विग्नेश मोहंती, एंटी नक्सल टास्क फोर्स के कमाण्डर सुरेश तिवारी एवं अधिकारी चेतन राउत, कपिल अरोरा, पी.के. तिवारी, राजेश, सैनिक कल्याण संचालनालय के निदेशक विवेक शर्मा उपस्थित थे।

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