अफगानिस्तान में अपने राज की पहली वर्षगांठ से दो दिन पहले तालिबानी लड़ाकों की क्रूरता सामने आई है।
शनिवार को राजधानी काबुल में महिलाओं की रैली को तितर-बितर करने के लिए लड़ाकों ने महिला प्रदर्शनकारियों और कवर कर रहे पत्रकारों को राइफल बट से बुरी तरह पीटा।
तालिबान लड़ाकों ने प्रदर्शन रोकने के लिए हवा में भी फायरिंग की। कुछ महिलाओं ने जान बचाने के लिए दुकानों की शरण ली लेकिन, उन्हें घसीटते हुए बीच सड़क पर पीटा गया।
दरअसल, शनिवार को करीब 40 अफगान महिलाओं ने शिक्षा मंत्रालय की इमारत के बाहर मार्च किया और “रोटी, काम और आजादी” का नारा लगाते हुए इकट्ठा हुईं। महिलाओं का प्रदर्शन तालिबान लड़ाकों को रास नहीं आया, इसके बाद उन्होंने महिला प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता करनी शुरू कर दी।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, कई महिलाओं ने आस-पास की दुकानों में शरण लेकर अपनी जान बचाने की कोशिश की लेकिन, तालिबानियों ने उन्हें दुकानों से बाहर घसीटा और सड़क पर बुरी तरह पीटा। तालिबानी लड़ाकों ने अपनी राइफल बटों से महिलाओं को पीटा। इतना ही नहीं कवर करने वाले कुछ पत्रकारों को भी कथित तौर पर पीटा गया।
प्रदर्शन के आयोजकों में से एक जोलिया पारसी ने एएफपी को बताया कि तालिबान लड़ाकों ने उनके बैनर फाड़ दिए और कई महिलाओं के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए। प्रदर्शनकारियों ने नारा लगाया: “न्याय … हम अज्ञानता से तंग आ चुके हैं”, कई लोगों ने नकाब नहीं पहना था।
नहीं सुधरा तालिबान
1990 के दशक के दौरान अपने कठोर शासन के बाद तालिबान पिछले साल 15 अगस्त को नया वादा करने के बावजूद बर्बरता और बेतुके फरमान से बाज नहीं आया है। विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। हजारों युवा लड़कियों की पढ़ाई और नौकरी पर रोक लगा दी गई है।