कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई कम से कम अगले विधानसभा चुनाव तक शीर्ष पद पर रहेंगे।
भाजपा की केंद्रीय टीम के सूत्रों ने इस मामले पर जारी अटकलों के बीच इसकी पुष्टि की है।
आपको बता दें कि प्रदेश में 15 अगस्त तक बदलाव की चर्चा है, लेकिन दिल्ली के सूत्रों ने ऐसी संभावना से इनकार किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा।
“यह याद रखना चाहिए कि बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा और आरएसएस (भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से परामर्श करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुना गया था।”
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी निश्चित रूप से उन्हें नहीं बदलेंगे। अगर पार्टी आलाकमान ऐसा करते भी हैं वे चुनाव से ठीक पहले पार्टी की छवि को खतरे में डाल देंगे।” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बोम्मई से मिलने के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें शुरू हुईं और कहा जाता है कि उन्होंने राज्य में कथित कानून-व्यवस्था की विफलता का मुद्दा उठाया।
बीजापुर शहर विधानसभा क्षेत्र के विधायक बसनगौड़ा पाटिल, जिन्होंने भविष्यवाणी की थी कि येदियुरप्पा को बदल दिया जाएगा, इस बार भी मुखर रहे हैं। राज्य के एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व विधायक बी सुरेश गौड़ा ने आग में घी का काम किया।
हालांकि, येदियुरप्पा ने अफवाहों का कड़ा खंडन किया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जब राज्य के चुनाव सिर्फ सात-आठ महीने दूर हैं तो मुख्यमंत्री को बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। मुख्यमंत्री बदलने की अफवाहें अब बंद होनी चाहिए।”
कांग्रेस ने बोम्मई को “कठपुतली मुख्यमंत्री” कहा है। कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद ने कहा, “बसवराज बोम्मई को आलाकमान द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है और उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी गई है।
इससे राज्य के विकास में बाधा आ रही है। भाजपा नेता बोम्मई से खुश नहीं हैं। उन्हें लगता है कि पार्टी प्रदेश के लिए कोई नया मुख्यमंत्री देने जा रहा है।” आपको बता दें कि बोम्मई पिछले सप्ताह दिल्ली आने वाले थे। हालांकि वे कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। सूत्रों ने कहा कि उनके ठीक होने के बाद कैबिनेट विस्तार की उम्मीद है।