पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पार्थ चटर्जी पर लगे आरोपों से नहीं उबरी थी।
वहीं, अब मवेशियों की तस्करी मामले में अनुब्रत मंडल पर शुरू हुई जांच ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है।
हालांकि, खबर है कि राज्य में सत्तारूढ़ दल अब डैमेज कंट्रोल में जुट गया है। मंडल पार्टी के बीरभूम अध्यक्ष हैं। जबकि, चटर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
राज्य में कथित एसएससी घोटाले ने टीएमसी सरकार को मुश्किलों के घेरे में ला दिया है। ऐसे पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी ने मोर्चा संभाला और प्रभावित लोगों से मिले। खबर है कि उन्होंने लोगों को नौकरियों का वादा किया है। वहीं, सोमवार को प्रदर्शनकारियों का एक समूह ने शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु से मुलाकात की।
प्रवर्तन निदेशालय ने शिक्ष भर्ती घोटाले मामले में चटर्जी को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान उनकी करीबी कही जा रहीं एक्ट्रेस अर्पिता मुखर्जी के आवास से करोड़ों रुपये की नकदी और जेवर बरामद हुए थे। फिलहाल, इस मामले में ईडी की जांच जारी है।
न्यूज18 के अनुसार, नौकरी की खोज में जुटे लोगों की तरफ से शाहीदुल्लाह ने बताया कि इसका प्रभाव काफी सकारात्मक रहा है। उन्होंने बताया, ‘हमने मांग रखी है कि जो मेरिट लिस्ट में हैं, उन्हें नौकरियां मिलनी चाहिए, लेकिन हम शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे।
सभी को अपाइंटमेंट लैटर मिला तो हम आंदोलन खत्म कर देंगे। शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में हमें आश्वासन दिया है।’ जब सोमवार को सीबीआई की तरफ से मंडल को समन भेजा गया, तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
हालांकि, मंडल ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते पहुंचने में असमर्थता जताई थी, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने 7 सदस्यीय मेडिकल टीम गठित की। जैसे ही टीएमसी नेता पहुंचे तो भीड़ ने ‘चोर-चोर’ के नारे लगाए। इधर, मेडिकल बोर्ड ने भी कह दिया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत नहीं है। CBI ने उन्हें बुधवार को दोबारा तलब किया है।