पिछले दिनों नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की तारीफ की।
इस बैठक से एक दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनसे मिलने पहुंचे थे, उस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने उनसे योजना की विस्तृत जानकारी ली थी।
गांव में उसके असर पर सवाल भी पूछे थे, सोमवार शाम रायपुर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यह प्रदेश भाजपा के लिए बड़ी दुविधाजनक स्थिति है। वे लोग यहां इस योजना का विरोध करते हैं, जबकि उनका राष्ट्रीय नेतृत्व इसकी प्रशंसा कर रहा है।
रायपुर हवाई अड्डे पर प्रेस से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “छह अगस्त को जब मैं प्रधानमंत्री से मिला था तो यहां की गोधन न्याय योजना के बारे में, लघु वनोपज खरीदी के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। बहुत विस्तार से जानकारी उन्होंने ली थी। गोधन न्याय योजना के बारे में मैंने उन्हें बताया कि 75 लाख क्विंटल हमने गोबर खरीदा। वर्मी कम्पोस्ट भी बनाया, खेतों में भी डाल रहे हैं। उन्होंने रेट वगैरह के बारे में भी पूरी जानकारी ली। दूसरे दिन नीति आयोग की बैठक में कृषि पर बात करते-करते प्रधानमंत्री ने कहा, भूपेश जी से कल मुलाकात हुई थी। बहुत अच्छा काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है। उन्होंने इसकी प्रशंसा की।”
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, अब प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ दुविधा है। उत्तर प्रदेश भी हमारे गोधन न्याय योजना को स्वीकार कर रहा है। झारखंड ने तो जस के तस गोधन न्याय योजना को स्वीकार कर लिया है।
मध्य प्रदेश में भी गोबर खरीदी शुरू होने जा रही है। जब हमारी योजना सफल हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा हो रही है तो निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय लोगों के लिए बड़ी दुविधाजनक स्थिति हो गई है।
मुख्यमंत्री 5 अगस्त को दिल्ली पहुंचे थे। वहां राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उन्होंने मुलाकात की। नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए। रविवार को मुख्यमंत्री शिमला पहुंचे थे। वहां कई दौर की बैठकों में शामिल होने के बाद सोमवार देर शाम रायपुर वापस लौटे।
प्रधानमंत्री के सामने GST और रॉयल्टी का मुद्दा भी उठा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रधानमंत्री से मुलाकात में उन्होंने छत्तीसगढ़ की मांगों को भी रखा था। 13 हजार करोड़ के जो टैक्स में हमको मिलना था, वह नहीं मिला है।
कोयले की रॉयल्टी के बकाए चार हजार करोड़ की बात हुई। आयरन ओर एफिकंटेंट की बात हुई। हमारे यहां 68-69% है। भारत सरकार ने जो स्लैब जारी किया है वह 65% है जिसमें रॉयल्टी मिलती है। उसको बढ़ाने का आग्रह किया है ताकि हमें भी रॉयल्टी मिले। रायपुर में कार्गो की भी मांग की ताकि यहां के उत्पाद आसानी से विदेशी बाजार तक पहुंच पाएं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कांग्रेस वहां काफी मजबूत है। सरकार के खिलाफ एंटी इनकन्बेंसी भी है। कांग्रेस के सारे नेताओं के साथ उनकी कल भी बैठक हुई।
आज भी विस्तारित पीसीसी की बैठक हुई है। बहुत अच्छा वातावरण है। सभी लोग एकजुट होकर लड़ेंगे तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश चुनाव में पार्टी का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है।
मुख्यमंत्री ने शिमला प्रवास के दौरान हिमाचल सरकार के कर्मचारी संगठनों से भी बात की। उन्होंने सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी किया है।