प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोरोना महामारी के दौरान संसाधनों की कमी के बावजूद चुनौतियों का मुकाबला करने का श्रेय राज्यों को दिया।
उन्होंने कहा कि राज्यों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर जमीनी स्तर पर ध्यान केंद्रित किया।
कोरोना काल में हमारा संघवाद दुनिया के लिए मॉडल बनकर उभरा। मोदी नीति आयोग की संचालन परिषद की सातवीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
फल 2047 में मिलेगा
मोदी ने कहा कि नीति आयोग की इस बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, वे 25 वर्षों के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को परिभाषित करेंगे। आज हम जो बीज बोएंगे, उनका प्रतिफल 2047 में हमें मिलेगा।
ताकत दिखाने का अवसर
बैठक में उन्होंने कहा कि देश कृषि क्षेत्र पर आत्मनिर्भर होकर दुनिया में अगुवा बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमें फसल विविधीकरण पर ध्यान देना होगा। जी-20 देशों की बैठक अगले साल भारत में होनी है। यह राज्यों की ताकत दिखाने का बड़ा अवसर है।
प्रधानमंत्री ने आयात को कम करने और निर्यात बढ़ाने के लिए राज्यों से 3टी-ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, हमें जहां भी संभव हो लोगों को स्थानीय सामानों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
बैठक में 23 सीएम, तीन उपराज्यपाल एवं दो प्रशासक भी शामिल हुए। तेलंगाना के मुख्यएमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक का हिस्सा नहीं बने।
बैठक में किस राज्य की क्या मांग
छत्तीसगढ़: राजस्व में आई कमी को देखते हुए राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की अवधि पांच साल तक बढ़ा दी जाए।
पंजाब : सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून बनाए।
ओडिशा: केंद्रीय योजनाओं से जुड़े विवाद हल करने के लिए नीति आयोग लोकपाल की तरह काम करे।
केरल : समवर्ती सूची में सूचीबद्ध विषयों पर कानून राज्यों के परामर्श से बनाया जाना चाहिए।
उत्तराखंड: हिमालयी राज्यों में उनके अनरूप विकास का मॉडल बनाए जाने की जरूरत।