Controversy Over Gehlot Rape Remark: ‘फांसी की वजह से रेप के बाद हत्या’ सीएम अशोक गहलोत अपनी बात पर कायम…

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फांसी की वजह से रेप के बाद हत्या वाले बयान पर कायम है।

सीएम गहलोत पर भाजपा नेता हमलावर हो गए है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सीएम अपनी विफलता छिपाने के  लिए संसद में बनाए गए कानून को दोष दे रहे हैं। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता।

जबकि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में महिला अपराधों में नंबर 1 है। कानून व्यवस्था पटरी से उतरी चुकी है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में बयान दिया था कि निर्भया कांड के बाद रेपिस्ट को फांसी की सजा दी जाने लगी।

लेकिन उसके बाद रेपिस्ट द्वारा रेप के बाद बच्चियों की हत्याओं के मामले बढ़े हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बलात्कारी ये सोचता है कि पीड़िता उसके खिलाफ गवाह बनेगी तो उसे सजा हो जाएगी इसलिए वे लड़की की हत्या कर देते हैं। गहलोत के इस बयान के बाद से ही वो भाजपा के निशाने पर आ गए। राजस्थान में बलात्कार के मामलों को लेकर लगातार हमले किए जा रहे हैं।

शेखावत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने हमलावर

पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए सीएम गहलोत ऐसे बयान दे रहे है। राजस्थान महिला अपराध के मामले में सिरमौर बन गया गया है। कानून व्यवस्था कंट्रोल में नहीं है। सीएम फालतू के बयान देकर अपनी नाकामियों को छिपा रहे हैं।

राठौड़ ने कहा कि सीएम को बेवजह की बयानबाजी नहीं करके जमीनी धरातल पर काम करना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि सीएम गहलोत को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। राजस्थान में जनवरी 2020 से 2022 तक 4091 पॉक्सो के मामले दर्ज हुए हैं।

यानी की हर साल दो हजार बच्चियों के साथ ज्यादती के मामले. जबकि दो सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार के 11हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए। जबकि 25 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए जिसमें बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गई थी।

राठौड़ ने कहा कि एनसीआरबी और पुलिस प्रतिवेदन के आंकड़े बता रहे हैं कि राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में पहले पायदान पर है। राजस्थान में हर साल 2000 के करीब बच्चियों से रेप के मामले सामने आते हैं. जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक 4091 केस पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं।

राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में नाबालिग से रेप के आरोपियों को फांसी की सजा के प्रावधान का कानून बना था। दुर्भाग्य है कि मासूम बच्चियों से रेप की घटनाओं पर अंकुश लगाने में विफल मुखिया जी अब फांसी की सजा के प्रावधान की ही खिलाफत कर रहे हैं। 

शेखावत बोले- सीएम का बयान अंदरुनी खींचतान का नतीजा

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि सीएम गहलोत के बयान को कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का नतीजा करार दिया। शेखावत ने कहा- मुख्यमंत्री की सरकार की अकर्मण्यता, आपसी खींचातानी के चलते उनकी सरकार का कानून व्यवस्था को लेकर ध्यान हट चुका है।

जिससे राजस्थान महिलाओं और अबोध बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध की राजधानी बन गया। अपनी विफलता छुपाने के लिए वे संसद के बनाए कानून को दोष दे रहे हैं। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता। 

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