मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर ‘अनिश्चितकालीन नाकेबंदी’ के मद्देनजर पूरे राज्य में रविवार को भी स्थिति तनावपूर्ण रही।
पर्वतीय जिलों को और अधिक स्वायत्तता दिये जाने की मांग के समर्थन में एक प्रभावशाली छात्र संगठन की ओर से आहूत नाकेबंदी के मद्देनजर पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई। इसके बाद कुछ इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी।
ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा इम्फाल-दीमापुर राजमार्ग (एनएच-2) और इम्फाल-जिरीबाम राजमार्ग (एनएच-39) पर नाकेबंदी के कारण असम से वाहनों की आवाजाही और आपूर्ति प्रभावित हुई है।
विशेष सचिव (गृह) एच. ज्ञान प्रकाश द्वारा शनिवार देर रात जारी एक आदेश में कहा गया है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल ‘नफरत फैलाने’ के लिए कर रहे थे।
बयान में कहा गया है कि बिष्णुपुर जिले के फुगकचाओ इखांग में शनिवार शाम बदमाशों द्वारा एक वाहन में आग लगाने के बाद यह फैसला किया गया। आदेश में कहा गया है कि इस घटना से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया है।
अप्रिय घटना की सूचना नहीं
अधिकारियों ने बताया कि कुछ घंटे बाद जिले के तोरबुंग-बांग्ला में नकाबपोश लोगों ने एक अन्य वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। इस बीच, बिष्णुपुर और चुराचांदपुर के जिलाधिकारियों ने शनिवार शाम से दो महीने की अवधि के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
अधिकारियों के मुताबिक आगे किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। बंद के कारण स्कूल, कॉलेज, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि यात्री बसें सड़कों से नदारद रहीं।
अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल शुक्रवार सुबह समाप्त हो गई, जिसके बाद ‘आर्थिक नाकेबंदी’ शुरू हो गई, जिससे मैतेई बहुल इम्फाल घाटी क्षेत्र में आपूर्ति प्रभावित हुई। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की ‘साजिश’ के लिए एटीएसयूएम के पांच छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया है।