आरसीपी सिंह को JDU से क्यों देना पड़ा इस्तीफा, जानें क्या थे उन पर आरोप…

बिहार की सियासत में कभी सीएम नीतीश कुमार के सबसे नजदीकी रहे आरसीपी सिंह ने आखिरकार जदयू से इस्तीफा दे दिया।

अब उनके भविष्य की योजनाओं को लेकर कयासों का बाजार गर्म है, लेकिन इस इस्तीफे की वजह क्या बनी, उनपर क्या आरोप लगे थे, यह देखना दिलचस्प होगा।

आरसीपी सिंह की बेटी-पत्नी के नाम पर 58 अचल संपत्ति अर्जित करने के आरोप के बाद जदयू नेतृत्व ने उन्हें नोटिस जारी किया था, आरसीपी को मिले नोटिस के बाद दूसरे दल के नेता भी हतप्रभ रहे।

बताया जाता है कि जेडीयू शीर्ष नेतृत्व उन्हें पार्टी से बाहर निकालने का मन बना चुका था, पार्टी से बाहर निकालने से पहले नेतृत्व की तरफ से आरसीपी सिंह के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा था।

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के पत्र से बिहार के राजनीतिक गलियारे में हंगामा मचा रहा, पत्र के माध्मय से जेडीयू नेतृत्व ने अपने नेता आरसीपी सिंह की पोल खोल दी थी।

उमेश कुशवाहा ने 58 संपत्ति अर्जित करने के आरोप संबंधी शिकायत पर जवाब मांगा था, हालांकि 2 दिनों बाद भी आरसीपी सिंह की तरफ से नेतृत्व को कोई जवाब नहीं दिया गया है।

आरसीपी सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि जो अचल संपत्तियां बनाई गईं वे सभी नालंदा जिले में ही हैं, नालंदा के अस्थावांचल के शेरपुर मालती और इस्लामपुर अंचल के सैफाबाद में पत्नी-बेटियों के नाम पर करीब चालीस बीघा जमीन खरीदने के आरोप लगे हैं।

बिहार की सियासत में कभी सीएम नीतीश कुमार के सबसे नजदीकी रहे आरसीपी सिंह ने आखिरकार जदयू से इस्तीफा दे दिया, अब उनके भविष्य की योजनाओं को लेकर कयासों का बाजार गर्म है, लेकिन इस इस्तीफे की वजह क्या बनी, उनपर क्या आरोप लगे थे, यह देखना दिलचस्प होगा।

आरसीपी सिंह की बेटी-पत्नी के नाम पर 58 अचल संपत्ति अर्जित करने के आरोप के बाद जदयू नेतृत्व ने उन्हें नोटिस जारी किया था, आरसीपी को मिले नोटिस के बाद दूसरे दल के नेता भी हतप्रभ रहे, बताया जाता है कि जेडीयू शीर्ष नेतृत्व उन्हें पार्टी से बाहर निकालने का मन बना चुका था।

पार्टी से बाहर निकालने से पहले नेतृत्व की तरफ से आरसीपी सिंह के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा था।

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के पत्र से बिहार के राजनीतिक गलियारे में हंगामा मचा रहा, पत्र के माध्मय से जेडीयू नेतृत्व ने अपने नेता आरसीपी सिंह की पोल खोल दी थी. उमेश कुशवाहा ने 58 संपत्ति अर्जित करने के आरोप संबंधी शिकायत पर जवाब मांगा था।

हालांकि 2 दिनों बाद भी आरसीपी सिंह की तरफ से नेतृत्व को कोई जवाब नहीं दिया गया है, आरसीपी सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि जो अचल संपत्तियां बनाई गईं वे सभी नालंदा जिले में ही हैं।

नालंदा के अस्थावांचल के शेरपुर मालती और इस्लामपुर अंचल के सैफाबाद में पत्नी-बेटियों के नाम पर करीब चालीस बीघा जमीन खरीदने के आरोप लगे हैं.

पत्र में दिए गए जमीन के ब्योरे

  • 2014 में आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह के नाम पर नालंदा के इस्लामपुर अंचल के सैफावाद में करीब 26 कट्ठा जमीन खरीदी गई।
  • 2014 में उसी मौजा में करीब 2 बीघा आरसीपी सिंह ने अपनी बेटी के नाम पर जमीन खरीदी।
  • 2014 में आरसीपी सिंह ने अपनी दोनों बेटी लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर सैफाबाद में 34 डिसमिल 37 डिसमिल और 108 डिसमिल जमीन खरीदी।
  • वर्ष 2014 में अपने दोनों बेटी लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर 37 डिसमिल 112 डिसमिल 108 डिसमिल 17 डिसमिल जमीन।
  • 2015 में सैफावाड़ मौजा में 192.5 डिसमिल, केवाली मौजा में दोनों बेटियों के नाम पर 82 डिसमिल 14 डिसमिल, 15 डिसमिल जमीन खरीदी।
  • 2016 में सैफाबाद मौजा में 250 डिसमिल सहित 2022 तक कई जमीन की खरीद आरसीपी सिंह के द्वारा की गई, इसके अलावे दोनों अंचल में अन्य जमीन की खरीद की गई।

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