उपराष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विजयी प्रत्याशी जगदीप धनखड़ को बधाई दी।
इसके साथ ही, उन्होंने इस चुनाव में उनका समर्थन नहीं करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा कुछ अन्य विपक्षी नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करके, कुछ दलों और उनके नेताओं ने अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।
चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद उन्होंने उन विपक्षी दलों और सांसदों का आभार प्रकट किया जिन्होंने विपक्ष की साझा उम्मीदवार के तौर पर उनका समर्थन किया था। अल्वा ने ट्वीट किया, ‘धनखड़ के उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई। मैं विपक्ष के उन सभी नेताओं और सांसदों का आभार जताती हूं जिन्होंने इस चुनाव में मुझे वोट किया. मैं उन सभी स्वयंसेवियों को भी धन्यवाद कहती हूं जिन्होने इस छोटे, लेकिन गहन चुनाव प्रचार के दौरान अपनी नि:स्वार्थ सेवा दी।’
उनके मुताबिक, यह चुनाव विपक्ष के लिए साथ मिलकर काम करने, अतीत को भुलाने और विश्वास बहाल करने का अवसर था, उन्होंने कहा, ‘भाजपा का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करके, कुछ दलों और उनके नेताओं ने अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।’
अल्वा ने कहा, ‘चुनाव संपन्न हो गया. हमारे संविधान की रक्षा करने, लोकतंत्र को मजबूत बनाने और संसद की गरिमा बहाल करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा। जय हिंद।’
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ देश के नए उपराष्ट्रपति होंगे, उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी के तौर पर 528 वोट हासिल किए और विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को पराजित किया।
अधिकारियों ने बताया कि अल्वा को सिर्फ 182 वोट हासिल हुए, इस चुनाव में कुल 725 सांसदों ने मतदान किया था, जिनमें से 710 वोट वैध पाए गए, 15 मतपत्रों को अवैध पाया गया।
इस चुनाव में करीब 93 प्रतिशत सांसदों ने मतदान किया, जबकि 50 से अधिक सांसदों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया, मतदान करने के पात्र 780 सांसदों में से 725 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, मतदान सुबह 10 बजे शुरू हुआ था और शाम पांच बजें संपन्न हुआ।
संसद के दोनों सदनों को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 788 होती है, जिनमें से उच्च सदन की आठ सीट फिलहाल रिक्त है,ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 सांसद वोट डालने के लिए पात्र थे।
तृणमूल कांग्रेस अपनी पहले की घोषणा के मुताबिक इस चुनाव से दूर रही, संसद के दोनों सदनों में उसके कुल 36 सांसद हैं।