सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
दुर्ग / जिले में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जिन जगहों को ब्लैक और ग्रे स्पाट के रूप में चिन्हांकित किया गया है।
108 एंबुलेंस का डिप्लायमेंट भी इनके नजदीक ही किया जाएगा ताकि दुर्घटना होने की स्थिति में रिस्पांस टाइम और बेहतर हो सके। यह निर्देश सड़क सुरक्षा समिति में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा तथा एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने अधिकारियों को दिये।
बैठक में सड़क सुरक्षा को लेकर अहम निर्णय लिये गये। बैठक में एडीशनल एसपी ट्रैफिक विश्वास चंद्राकर एवं डीएसपी ट्रैफिक गुरजीत सिंह, आरटीओ अनुभव शर्मा भी मौजूद रहे।
स्कूलों में दो पालियों के बीच आधे घंटे का हो गैप- बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मेन रोड के किनारे के कुछ स्कूलों में गेट एक ही है और इनमें दोनों पालियों के बीच बमुश्किल पंद्रह मिनट का अंतर होता है। इससे गेट के पास काफी रश होता है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
इस संबंध में स्कूल प्रबंधन को दो पालियों के बीच आधे घंटे का अंतर रखने के निर्देश देने का निर्णय लिया गया। साथ ही स्कूल में अधिक दर्ज संख्या होने पर एंट्री और एक्जिट के लिए अलग अलग गेट रखने निर्देशित करने का निर्णय लिया गया। स्कूल के समीप निर्देशक बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि वाहन चालक गति धीमी कर लें।
स्कूलों के पास सड़क में रंबल स्ट्रिप भी बनाये जाएंगे ताकि स्पीड पर नियंत्रण रखा जा सके। कलेक्ट्रेट में होगा कंट्रोल रूम, 112 की टीम के अधिकारी यहां से व्यवस्था पर नजर रखेंगे- प्रमुख चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नजर होगी।
112 की टीम के अधिकारी इसके लिए कलेक्ट्रेट में बनाये गये कंट्रोल रूम से स्थिति पर नजर रखेंगे और जरूरत होने पर त्वरित रिस्पांस कर सकेंगे। एसडीएम-एसडीओपी दुर्घटना पश्चात पहुंचेंगे मौके पर, करेंगे पड़ताल- कलेक्टर ने कहा कि
एसडीएम और एसडीओपी दुर्घटना के पश्चात अविलंब दुर्घटनास्थल पर पहुंचेंगे और हादसे के कारणों की पड़ताल करेंगे। यदि किसी तकनीकी त्रुटि की वजह से हादसा हुआ है तो इसे ठीक करने साथ में मौजूद निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।
दुर्घटनाओं में डेथ की होगी आडिट, रिफर करने का मजबूत कारण देना होगा- कलेक्टर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हताहतों की संख्या में कमी लाने के लिए दो तरह से काम करने की जरूरत है। सड़क की तकनीकी त्रुटियों की पड़ताल के साथ दुर्घटना के बाद होने वाला रिस्पांस बहुत अहम है।
सबसे पहले तो मौके पर पहुंचने के रिस्पांस टाइम को बेहतर करना है। उसके बाद अस्पताल पहुंचाने का समय भी न्यूनतम रखना है। हर ब्लैक स्पाट में होने वाली दुर्घटना के लिए नोडल अस्पताल का चिन्हांकन होगा। मसलन कुम्हारी में यदि दुर्घटना होती है तो नजदीकी अस्पताल एम्स हो सकता है।
कलेक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल में सभी सुविधाएं मौजूद हैं और सामान्यतः विशेषज्ञ डाक्टरों की वजह से रिफरल की जरूरत कम ही होती है। ऐसे में यदि रिफर केस आते हैं तो उसकी गंभीरता से समीक्षा होगी। दुर्घटना में होने वाले हर डेथ की आडिट होगी।