कर्नाटक पहुंचे राहुल गांधी को लेकर लिंगायत मठ के एक महंत ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि वे भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।
हालांकि इसके तुरंत बाद मठ के मुख्य महंत को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा, उन्होंने कहा कि ये सब कहने के लिए यह उचित जगह नहीं है।
दरअसल कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय कर्नाटक दौरे पर हैं, इस दौरान उन्होंने पार्टी नेताओं डीके शिवकुमार और केसी वेणुगोपाल के साथ चित्रदुर्ग में श्री मुरुघा मठ का दौरा किया।
यहां उन्होंने मुरुगा मठ के महंत से लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा ली। इस दौरान महंत हावेरी होसामुत्त स्वामी ने संबोधन में कहा, “राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे।” होसामुत्त स्वामी ने राहुल की दादी और पिता का उल्लेख किया।
इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी पीएम रहे हैं। महंत ने कहा, “इंदिरा गांधीजी प्रधान मंत्री थीं, राजीव गांधी प्रधान मंत्री थे और अब राहुल गांधी को लिंगायत संप्रदाय में दीक्षा दी गई है, वह भी पीएम बनेंगे।”
होसामुत्त स्वामी के इस बयान के बाद मठ के अध्यक्ष शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू ने उसका बचाव किया। उन्होंने कहा कि मठ में आने वाले सभी लोगों को आशीर्वाद दिया जाता है।
मठ के प्रमुख ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा, “यहां यह सब मत कहिए…यह इसके लिए उचित मंच नहीं है। इसका फैसला लोग करेंगे।” इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को यहां जिला मुख्यालय स्थित मुरुगा मठ के महंत से लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा ली।
इस मौके पर कांग्रेस के कई नेता भी मौजूद रहे। विभिन्न मठों के महंतों से परामर्श लेने के बाद मुरुगा मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरण ने राहुल गांधी को लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा दी। बाद में राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘यह सम्मान की बात है कि श्री जगदगुरु मुरुगाराजेंद्र विद्यापीठ का दौरा किया और डॉ. श्री शिवमूर्ति मुरुगा शरणनारु से ‘‘ईष्टलिंग दीक्षा’’ली।’’
प्रभावशाली लिंगायत संप्रदाय की स्थापना 12वीं सदी के समाज सुधारक और कवि बसावेश्वरा ने की जिनके बड़ी संख्या में अनुयायी कर्नाटक और उससे सटे पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के इलाकों में हैं।
कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई और उनके पूर्ववर्ती बी.एस.येदियुरप्पा भी इसी संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस संप्रदाय का विशेष तौर पर उत्तरी कर्नाटक में प्रभुत्व है।
लिंगायत समुदाय कर्नाटक की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत हैं। यह पारंपरिक रूप से भाजपा के मतदाता रहे हैं। ऐसे में राज्य में अगले साल मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं।
राहुल गांधी कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धरमैया के 75वें जन्मदिन समारोह में शामिल होने के बहाने राज्य पहुंचे हैं। हालांकि ये तो वक्त ही बताएगा कि प्रभावशाली लिंगायत समुदाय इस बार चुनाव में किसका समर्थन करता है।