हक्कानी नेटवर्क ने छिपाई थी जवाहिरी के काबुल में होने की बात, अमेरिका का दावा…

अफगानिस्तान में 31 जुलाई को अयमान अल जवाहरी के खात्मे के बाद व्हाइट हाउस का बयान सामने आया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के कोऑर्डिनेटर जॉन किर्बी ने कहा है कि खूंखार हक्कानी नेटवर्क को अल-कायदा प्रमुख जवाहिरी की काबुल में उपस्थिति की जानकारी थी।

उन्होंने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हक्कानी नेटवर्क को जवाहिरी के काबुल में होने की इनफॉर्मेशन क्यों छिपाई।

द फ्रंटियर पोस्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जॉन किर्बी ने कहा कि अफगानिस्तान में अल-कायदा के सदस्यों की संख्या बहुत कम है और उनका मानना ​​है कि अफगानिस्तान आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना नहीं बनेगा, खासकर यह जानते हुए कि अमेरिका में 9/11 हमले के बाद से जवाहिरी वांछित आतंकियों की लिस्ट में था। 

किर्वी ने कहा कि तालिबान दोहा समझौते में सहमत हो गया है कि वे विदेशी आतंकवादियों को किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।

किर्बी ने आगे कहा कि पाकिस्तान को सुनियोजित ड्रोन हमले के बारे में सूचित नहीं किया गया था जिसमें जवाहिरी मारा गया था।

हक्कानी ने क्यों छिपाई बात
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) से बात करते हुए कहा कि अमेरिका यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि हक्कानी को जवाहिरी के बारे में कैसे और क्यों पता था। 

अमेरिकी नागरिकों पर हमले का डर
वहीं, अब जवाहिरी को मारने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने जदुनिया भर में अलर्ट जारी किया है। खासकर अमेरिका ने अपने नागरिकों को सुरक्षित रहने की अपील की है।

गौरतलब है कि अल जवाहिरी दुनिया के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था। 9/11 के हमलों का मास्टरमाइंड था।

वह शनिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारा गया था। अमेरिकी अधिकारी ने दावा किया कि जवाहिरी पर ड्रोन अटैक के जरिए हमला किया गया था। इस हमले में उसके परिवार का कोई भी सदस्य घायल नहीं हुआ था।

तालिबान ने की हमले की निंदा
इस बीच, तालिबान ने जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि की और काबुल में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले की निंदा की। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि राजधानी में एक आवास पर हमला हुआ और इसे “अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों” का उल्लंघन बताया।

जिसके जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान ने दोहा का घोर उल्लंघन किया है। अल-कायदा प्रमुख की मेजबानी और पनाह देकर समझौता।

बता दें कि अमेरिका और तालिबान ने फरवरी 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तहत एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौते में अफगान धरती से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आह्वान किया गया और तालिबान हिंसा को कम करेगा और गारंटी देगा कि उसकी धरती आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap