तृणमूल कांग्रेस पार्टी के स्थापना के बाद से ही ममता बनर्जी पार्टी का प्रमुख चेहरा रही हैं।
स्थापना के कुछ सालों में ही आपसी मदभेद के चलते कई सदस्य पार्टी का साथ छोड़ गए थे, तब से पार्टी में ममता बनर्जी ‘वन मैन शो’ की तरह रहीं।
हालांकि अब ममता के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी का कद न सिर्फ पार्टी में बढ़ रहा है बल्कि सरकार में भी उनकी धमक सुनायी देने लगी है।
पार्टी के आंतरिक सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में भी अभिषेक बनर्जी का बड़ा प्रभाव था।
नए मंत्रियों ने अभिषेक बनर्जी को भी दिया धन्यवाद
पहले ऐसा होता था कि शपथ लेने के बाद मंत्री केवल ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया करते थे। हालांकि इस बार नई बात देखने को मिली।
नए मंत्रियों में शामिल पार्थ भौमिक और बीरबाहा हांसडा ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के साथ-साथ अभिषेक बनर्जी की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।
यह भी बताया जा रहा है कि नए मंत्रियों का नाम फाइनल करने में अभिषेक बनर्जी की बड़ी भूमिका है।
अभिषेक बनर्जी चाहते थे पार्थ चटर्जी का निलंबन
शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपी पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर पार्थ चटर्जी को भी पार्टी से निलंबित करने का फैसला तत्काल नहीं हुआ। खबरें आने लगी थीं कि पार्टी के अंदर से उनपर कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है।
पार्टी के अंदर के लोगों का कहना है कि पार्थ पर की गई कार्रवाई के पीछे भी अभिषेक बनर्जी का बड़ा हाथ है। उनके निलंबन के बाद अभिषेक बनर्जी ने ही कहा था कि अगर वह निर्दोष साबित होते हैं तो उनको दोबारा पार्टी में लेने का रास्ता खुला हुआ है।
जिन आठ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गयी है, तुलनात्मक रूप से उनकी छवि साफ है। इनमें से कई अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं। इनमें बाबुल सुप्रियो, भौमिक, स्नेहाशीष चक्रवर्ती का नाम शामिल है।
वहीं पहले के मंत्रियों में मलय घटक और पुलक रॉय को भी अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है। एक टीएमसी नेता ने कहा, सोमवार को जिला स्तर पर भी पार्टी लीडरशिप में परिवर्तन किया गया।
अभिषेक बनर्जी की मंजूरी के बाद ही ये बदलाव भी किए गए, टीएमसी के एक पदाधिकारी ने कहा, अभिषेक कदम दर कदम आगे बढ़ रहे हैं। हम उनसे बड़ी उम्मीद रखते हैं। कुछ समय बाद न केवल उनके लोग बल्कि वह खुद भी कैबिनेट में शामिल होंगे।