केरल के 10 जिलों के लिए मंगलवार को बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया।
लगातार बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में 6 लोगों की मौत हो गई तथा भूस्खलन, जल स्तर में वृद्धि के बीच हजारों लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पत्तनमथिट्टा और कासरगोड को छोड़कर राज्य के सभी जिलों के वास्ते दो और तीन अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी किया और पांच अगस्त तक राज्य में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।
केरल के 10 जिलों के लिए मंगलवार को बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया, लगातार बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में 6 लोगों की मौत हो गई तथा भूस्खलन, जल स्तर में वृद्धि के बीच हजारों लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पत्तनमथिट्टा और कासरगोड को छोड़कर राज्य के सभी जिलों के वास्ते दो और तीन अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी किया और पांच अगस्त तक राज्य में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है।
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भूस्खलन, अचानक आने वाली बाढ़, शहरों और निचले इलाकों में जलभराव जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्य में सतर्कता और तैयारियों की जरूरत है।
विजयन ने यह भी कहा कि केंद्रीय जल आयोग ने पम्पा, मनीमाला और नेय्यर जैसी विभिन्न नदियों का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान को पार करने को लेकर चेतावनी जारी की है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने यह भी चेतावनी दी है कि अचनकोविल, कलियार, तोडुपुझा और मीनाचिल जैसी नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है और इसलिए, इन सभी नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि वे स्थानांतरित किये जाने और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने में अनिच्छा नहीं दिखायें।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि शिविरों को कोविड-19 मानदंडों का पालन करना चाहिए और गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों के लिए विशेष सुविधाएं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केएसईओसी राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के रूप में कार्य कर रहा है जहां राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य बचाव बलों और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि साथ ही सभी जिलों और तालुकों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए हैं, उन्होंने कहा कि इसके अलावा राज्य के नौ जिलों में एनडीआरएफ की नौ टीमों को तैनात किया गया है तथा कन्नूर और पलक्कड़ जिलों में रक्षा सुरक्षा कोर की दो इकाइयां और तिरुवनंतपुरम जिले में सेना की एक टुकड़ी तैनात है।
उन्होंने कहा कि बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है इसलिए बिजली की लाइन, खंभों, पेड़ों और होर्डिंग्स के ढहने से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाए जाएं।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से निपटने के लिए आपदा संभावित क्षेत्रों में अग्रिम रूप से ‘अर्थमूवर’ और अन्य मशीनरी तैयार रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों और जलाशयों पर यात्रा पर प्रतिबंध, रात के समय यात्रा से परहेज और तेज हवाओं एवं तेज लहरों की आशंका को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह देना कुछ अन्य निर्देश हैं जो राज्य सरकार ने जारी किए हैं।
माकपा राज्य सचिवालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने अपने सभी कार्यकर्ताओं को राज्य में राहत और बचाव कार्य में शामिल होने को कहा है, एक विज्ञप्ति में कहा गया कि पत्तनमथिट्टा कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने का काम सौंपा गया है कि निरापुतरी उत्सव, जो फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और सबरीमाला में अरनमुला वल्लसाध्या से संबंधित कार्य बाधित न हों।
केएसईबी (केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) द्वारा संचालित बांधों के दैनिक जलस्तर के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि पांच इडुक्की बांधों- पोनमुडी, कुंडला, कल्लारकुट्टी, इरेटयार और लोअर पेरियार के साथ ही पत्तनमथिट्टा और त्रिशूर में क्रमश: मुझियार और पोरिंगलकुथु बांध में जलस्तर ‘रेड अलर्ट’ भंडारण स्तर पर पहुंच गया है।
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, पलक्कड़ में सिंचाई विभाग के दो जलाशय – मीनकारा और मंगलम – भारी बारिश के कारण मंगलवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ भंडारण स्तर पर पहुंच गए।
एर्णाकुलम जिले के अधिकारियों ने यह भी कहा कि कोच्चि शहर में जलभराव रोकने के लिए कदम उठाने और बचाव एवं निकासी कार्यों की निगरानी के लिए स्थानीय निकायों की एक आपातकालीन कार्रवाई समिति का गठन किया जाएगा, इस बीच, भारतीय तटरक्षक बल भी खोज और बचाव कार्यों में मदद के लिए शामिल हो गया।
रेड अलर्ट 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक की भारी से बेहद भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट का मतलब 6 सेंटीमीटर से लेकर 20 सेंटीमीटर की बहुत भारी बारिश है. येलो अलर्ट से आशय 6 से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश से है।