केरल के कन्नूर जिले में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ को फैलने से रोकने के लिए कनिचर पंचायत में मंगलवार से 250 से अधिक सुअरों को मारा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि जिलाधीश ने सोमवार को दो फार्म में 237 सुअरों को मारने और दफनाने का आदेश दिया, इनमें से एक फार्म ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ का केंद्र है और दूसरा इसके एक किलोमीटर के दायरे में आता है।
अधिकारियों के मुताबिक, इसके अलावा 10 किलोमीटर के दायरे के भीतर के सुअर के फार्म पर नजर रखी जाएगी, उल्लेखनीय है कि राज्य के वायनाड जिले में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ संक्रमण के मामले सामने आने पर वहां करीब एक सप्ताह पहले 300 से अधिक सुअरों को मार दिया गया था।
आयात-निर्यात पर पाबंदी
अधिकारियों ने बताया कि वायनाड और कन्नूर में ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ का एक-एक मामला सामने आया है, जिलाधिकारी कार्यालय से यह जानकारी मिली कि ‘अफ्रीकन स्वाइन फीवर’ के नए मामले सामने आने के मद्देनजर जिलाधिकारी द्वारा एक बैठक भी की गई।
बाद में प्राधिकारियों द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिलाधीश ने बैठक में सभी विभागों को बीमारी से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित करने के लिए सभी आवश्यक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, सुअरों, उनके मांस या संबंधित उत्पाद और मल का केरल में या केरल से अन्य राज्यों में एक अगस्त से 30 दिनों की अवधि के लिए आयात-निर्यात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया गया है और दक्षिणी राज्य को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है।
पुलिस और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सीमावर्ती इलाकों में निगरानी करेंगे।
केवल वायनाड के 222 फार्म में 20,000 से अधिक सुअर
इस रोग का नया मामला वायनाड के नेनमेनी गांव में सामने आया, इसके कारण पशुपालन विभाग ने जिले में अलर्ट घोषित कर दिया है।
वायनाड में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश ने बताया कि इस रोग को फैलने से रोकने के लिए सुल्तान बाथेरी के नेनमेनी फार्म और उसके आसपास 193 सुअरों को इस सप्ताह मारना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि केवल वायनाड के 222 फार्म में 20,000 से अधिक सुअर हैं, उनके नमूने जांच के लिए एकत्र किए जाएंगे।
खाद्य एवं कृषि संगठन के मुताबिक, अफ्रीकन स्वाइन फीवर पालतू सुअरों के लिए अत्यधिक संक्रामक और घातक रोग है।