बिहार के पूर्व सांसद और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता अरुण कुमार (Former MP Arun Kumar) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पर फिर हमला बोला है।
उन्होंने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर मैंने नीतीश सरकार (Nitish Government) को बेनकाब करने की कोशिश की थी, लेकिन इसको लेकर उन्हें फंसाने की साजिश रची गई।
उन्होंने कहा कि बालिका गृह कांड से जुड़े कई सबूत उनके पास मौजूद थे जिस पर मैंने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार के नेतृत्व को चुनौती दी थी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सीएम नीतीश कुमार के मंत्री को बेवजह घसीटा गया, असल में सरकार के अधिकारी ऐसे जघन्य कांड को अंजाम दे रहे थे।
अरुण कुमार ने स्पष्ट किया कि ‘छाती तोड़ने’ के उनके बयान का आशय अहंकार तोड़ने से था, लेकिन मेरे उस बयान को नीतीश कुमार ने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार जनता पर अन्याय कर रही थी, इसलिए मैंने यह बयान दिया था, मगध में लोग बोलचाल की भाषा में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
इस तरह के शब्दों को बोलने से अगर फांसी की सजा होती है, तो भी वो बोलते रहेंगे, पूर्व सांसद ने एक बार फिर चुनौती देते हुए कहा कि ‘दर्द चाहे जितना भी हो, छाती तो तोड़ेंगे ही।’
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि नीतीश कुमार ने जिस ‘शिखंडी’ को रखा है वो बहुत दर्द दे रहा है।
इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने कहा कि वो राज्य भर में नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाएंगे।
दरअसल अरुण कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छाती तोड़ने का बयान दिया था।
कोर्ट ने उनके बयान को आपत्तिजनक मान कर उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है, इस पर अरुण कुमार ने नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर फिर से हमला बोला है।
उन्होंने नीतीश कुमार के उस वाक्य पर भी हमला बोला जिसमें वो कहते हैं कि ‘सरकार न तो किसी को बचाती है, और न फंसाती है’।