बिहार में शराबबंदी लागू है और इस पर अमल करवाने का काम पुलिस प्रशासन का है।
बुधवार को जिले के एकमा थाने में जो नजारा सामने आया वह यह सोचने पर बाध्य करता है कि क्या इस स्थिति में बिहार में शराबबंदी कानून का पालन करवाया जा सकेगा।
जिले के एकमा थाने में पदस्थापित एएसआई निरंजन मंडल शराब के नशे में पकड़ा गया, इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
यह संयोग ही था कि जब बुधवार की रात शराब के नशे में धुत निरंजन मंडल एकमा थाना परिसर में हंगामा कर रहा था, ठीक उसी समय वहां डीएसपी पहुंच गए।
रात भर अपने ही थाने की हाजत में बंद रहे निरंजन मंडल को गुरुवार को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया और उसके बाद जेल भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि डीएसपी के आदेश पर निरंजन मंडल का मेडिकल करवा दिया गया है, जिसमें उसके शराब पी रखने की पुष्टि हुई है,इस पुष्टि के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
यह कहने की बात नहीं कि शराबबंदी कानून के बाद बिहार में शराब पीना जुर्म है, इस कानून का पालन करवाने की जिम्मेवारी पुलिसकर्मियों पर ही है।
लेकिन कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जब पुलिसकर्मी ही शराब पीकर शराबबंदी कानून को तोड़ते नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि आज शराब के नशे में थाने में पकड़े गए निरंजन मंडल को पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इसके पहले आज सुबह से ही छपरा में शराबबंदी कानून को लेकर बड़ा अभियान चलाया गया, जिसके तहत एसपी और डीएम स्वयं शराब भट्ठियां तोड़ते नजर आए।
गरखा में की गई कार्रवाई में भारी मात्रा में देसी शराब नष्ट किया गया है, यहां से कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है लेकिन एकमा थाने में पुलिसकर्मी की इस हरकत ने शराबबंदी कानून पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।