संसद (Parliament) के बाहर 20 राज्यसभा सांसदों के निलंबन का विरोध कर रहे नेताओं को टीएमसी (TMC), डीएमके (DMK) और आप (AAP) ने नाश्ता, दोपहर और रात का खाना मुहैया कराया।
हालांकि इसके बावजूद उनमें एकजुटता नजर नहीं आई, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास जमा होकर विरोध कर रहे सांसदों को तंदूरी चिकन, इडली जैसे व्यंजन परोसे गए।
निलंबित किए गए 20 सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के सात, द्रमुक के छह, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के तीन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दो और कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और आम आदमी पार्टी (आप) के एक-एक सांसद शामिल हैं।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संसद में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ निलंबित सांसदों ने तंदूरी चिकन खाया, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे।
वे जानवरों के वध के सख्त खिलाफ थे, अब बहुत से लोग पूछ रहे हैं कि यह विरोध था या तमाशा और पिकनिक भर थी, पहले दिन का डिनर टीएमसी द्वारा परोसा गया था, जिसमें मेनू और स्थल को लेकर विवाद का माहौल था।
इस पर टीएमसी नेता सुष्मिता बेब ने कहा कि ‘ वे यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि खाना हमारे घर से नहीं, बल्कि अन्य सांसदों द्वारा लाया जा रहा है, वे इस एकजुटता से डरे हुए हैं।’
एक अन्य विपक्षी नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पूनावाला की टिप्पणी बेवजह की है, उनको ऐसा नहीं कहना चाहिए।
इस बीच, डीएमके ने इडली और सांबर के साथ दक्षिणी स्वाद चखाया तो आम आदमी पार्टी ( AAP) ने लस्सी और जूस परोसा, हालांकि आप आमतौर पर विपक्षी एकता के सार्वजनिक प्रदर्शन से दूर रहती है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस पोटलक में भागीदार के तौर पर शामिल नहीं हुई, पार्टी के केवल दो नेता कुछ समय के लिए विपक्षी खेमे में शामिल हुए थे।
एक सांसद ने News18 को बताया कि विरोध करने वाले सांसदों ने संसद सचिवालय की सराहना की है, सचिवालय ने डॉक्टर और एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी,
विरोध पर सांसदों की एकमात्र शिकायत यह है कि शरद पवार की राकांपा इसमें शामिल नहीं हुई।