यूनेस्को ने भारत में अब तक 52 स्थानों को विश्व धरोहर में शामिल किया है।
अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) कुछ अन्य स्थानों को भी यूनेस्को हेरिटेज के लिए संभावित सूची में शामिल किया है।
इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान वडनगर भी शामिल है। एएसआई ने मोढेरा का सूर्य मंदिर, वडनगर और त्रिपुरा में चट्टानों को काटकर बनाई गई आकृतियां उनाकोटि को इस सूची में शामिल किया है।
यूनेस्को की संभावित धरोहर सूची ऐसी लिस्ट होती है जिसको कोई देश खुद से तैयार करता है। इसका मतलब है कि इन स्थानों को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल करवाना चाहता है।
हालांकि जरूरी नहीं होता है कि यूनेस्को इन जगहों को अपनी सूची में जगह दे। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने एएसआई को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए नई जगहों की पहचान करके एएसआई प्रशंसनीय कार्य कर रहा है।
अब तक 52 जगहों को मिली जगह
भारत में अब तक यूनेस्को ने 52 जगहों को अपली लिस्ट में शामि किया है। ये जगहें सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदाएं हैं।
पिछले साल एएसआई ने 6 जगहों का नाम प्रस्तावित किया था।
इसमें सतपुड़ा का टाइगर रिजर्व, वाराणसी का रिवरफ्रंट, हीरे बेंकल की मेगाथिलिक साइट, महाराष्ट्र में मराठा सैन्य छावनी, नर्मदा वैली का भेडाघाट-लामेटाघाट और कांचीपुरम शामिल था।
रेड्डी ने कहा कि वडनगर नगरपालिका एक मल्टीलेयरल ऐतिहासिक शहर है। इसका इतिहास 8वीं शताब्द ईसापूर्व से जुड़ा हुआ है।
इस शहर में अब तक कई ऐतिहासिक इमारतें हैं जो या तो धार्मिक जगहें बन गई हैं या फिर उनका इस्तेमाल रहने के लिए किया जा रहा है।
बता दें कि यूनेस्को ने जिन जगहों को विश्व धरोहर स्थल में जगह दी है उनमें 32 सांस्कृतिक स्थल हैं। पूरे विश्व में यूनेस्को ने 1154 जगहों को विरासत स्थल में शामिल किया है।
उत्तर प्रदेश का आगरा फोर्ट, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, महाराष्ट्र में अजंता की गुफाएं, एलोरा गुफाएं, एलिफैंटा गुफाएं, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, पश्चिमी घाट, विक्टोरियन गोथिक, मध्य प्रदेश में मोन्यूमेंट ऑफ खुजराहो, सांची का बौद्ध स्तूप, भीमबेटका गुफाएं, असम का कांजीरंगा नेशनल पार्क आदि शामिल हैं।