महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के बीच अमित शाह और मुख्यमंत्रियों के बीच अहम बैठक हुई।
बैठक के बाद कर्नाटक पुलिस ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद महाराष्ट्र राज्य के दो मंत्रियों की बेलगावी में एंट्री पर रोक लगाई जा सकती है।
इसके अलावा मराठी संगठनों के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगाई जा सकती है।
पुलिस को चिंता है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों के बहाने भड़काऊ भाषण से सीमा विवाद को लेकर तनाव और बढ़ सकता है।
उधर, इस फैसले के बाद तमाम संगठनों ने विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया है। सिर्फ मराठी ही नहीं कन्नड़ संगठन भी फैसले को लेकर नाराजगी जता रहा है।
बताया जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच इस मसले पर मुलाकात भी हो सकती है।
उधर, गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों में से एक यह भी है कि दोनों राज्यों को किसी भी भूमि पर तब तक दावा नहीं करना चाहिए जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय में सीमा विवाद का निपटारा नहीं हो जाता।
अमित शाह ने दोनों राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दोनों राज्यों में संगठन ऐसे कामों में शामिल न हों जो लोगों और व्यापारियों के सद्भाव को नुकसान पहुंचाएं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं।
कर्नाटक पुलिस के मुताबिक, इस निर्देश से महाराष्ट्र के दो मंत्रियों और मराठी संगठनों के ‘महामेलवा’ जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की योजना पर रोक लग सकती है।
महामेलवा के लिए उद्धव, राज ठाकरे और शरद पवार को निमंत्रण
दरअसल, महाराष्ट्र-समर्थक संगठन महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) और स्थानीय शिव सेना महाराष्ट्र के अपने समर्थकों और राजनीतिक नेताओं को ‘महामेलव’ के लिए बेलगाम में बुला सकती है।
एमईएस ने महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों के दस नेताओं को आमंत्रित किया है, जिनमें महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार शामिल हैं।
भड़काऊ बयान को लेकर चिंतित कर्नाटक सरकार
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें ‘महामेलवा’ के आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सीमा विवाद के दौरान महाराष्ट्र के नेताओं के यहां आने और भड़काऊ भाषण देने को लेकर चिंतित हैं।”
उन्होंने कहा, “गृह मंत्रालय का निर्देश एक सकारात्मक कदम है।”
बेलगावी ग्रामीण से एमईएस के समर्थन से चुनाव जीतने वाले पूर्व निर्दलीय विधायक मनोहर किनेकर ने कहा कि अमित शाह द्वारा दिए गए निर्देश कर्नाटक के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा, “ये प्रतिबंध मराठी भाषी आबादी को अपना विरोध प्रदर्शन करने से रोक रहे हैं, यह गलत है।”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के नेता हमारी बैठकों, ‘महामेलवा’, ‘ब्लैक डे’ आदि में शामिल होते थे। इससे हमें प्रोत्साहन मिलता है और हमें अपनी चिंताओं को उठाने के लिए समर्थन प्राप्त करने में मदद मिलती। लेकिन ताजा निर्देशों ने इसपर रोक लगा दी है”।
किनेकर ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके डिप्टी देवेंद्र फेडनवीस को अमित शाह की सिफारिशों पर सहमत नहीं होना चाहिए था।
इस बीच कन्नड़ संगठन भी अमित शाह और मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक में लिए गए फैसलों से संतुष्ट नहीं दिखे।