गुजरात की 182 और हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर सुबह आठ बजे से नतीजे आने शुरू हो गए हैं।
इन दो राज्यों पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, गुजरात में भाजपा तो हिमाचल में कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है।
हालांकि ये नतीजे ही तय करेंगे किसके सिर ताज सजेगा। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी गुजरात में दूसरी बड़ी पार्टी के सपने तो देख रही है, साथ ही उसके मन में हिमाचल को लेकर डर बना हुआ है। मामला उत्तराखंड और हिमाचल चुनाव से जुड़ा हुआ है।
8 दिसंबर को दोपहर बाद तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने होंगे। नतीजों से पहले ही आम आदमी पार्टी के मन में डर बना हुआ है।
यहां बात हिमाचल प्रदेश को लेकर की जा रही है। दरअसल, 2022 उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए खुश करने वाले नहीं थे।
देवभूमि में आप को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। इस बार अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने हिमाचल में दांव लगाया है। उसे यहां भी इसी हश्र का डर है।
ऐसा इसलिए क्योंकि रिजल्ट से पहले सामने आए एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल रही है।
अगर ऐसा होता है तो उसका यह डर सच साबित होगा और एक बार फिर पहाड़ी प्रदेश में आप फिसड्डी साबित हो जाएगी।
ऐसे में आप की नजर सिर्फ गुजरात चुनाव पर टिकी हैं। यहां भी वो जीतने के लिए नहीं मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में खुद को देख रही है।
हिमाचल में सभी सीटों पर लड़ रही चुनाव
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। रिजल्ट से पहले आए तमाम एग्जिट पोल आप के लिए बेहद खराब हैं।
यहां निर्दलीयों के खाते में 4 से 5 सीटें आ सकती हैं लेकिन, पोल की मानें तो आम आदमी पार्टी की झोली इस बार भी खाली होने वाली है।
इससे पहले पिछले साल हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए आप ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव तो लड़ा लेकिन, जनता ने आप को पूरी तरह से नकार दिया।
उत्तराखंड जैसे हश्र का डर
चुनाव से पहले जहां उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने के सपने देख रही थी। लेकिन, चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी पूरी तरह से बिखर गई।
खुद पार्टी के सीएम फेस कर्नल अजय कोठियाल भाजपा में शामिल हो गए। हिमाचल को लेकर सामने आए एग्जिट पोल के बाद आप को डर है कि कहीं चुनाव से बनाया कुनबा उत्तराखंड की तरह बिखर न जाए।