दुर्ग की मोहन नगर पुलिस ने 1.74 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी राजीव रंजन उपाध्याय को पटना से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं दो आरोपी प्रवीण प्रकाश और बलराम अभी फरार हैं। पुलिस दोनों की तलाश कर रही है।
मोहन नगर टीआई विपिन रंगारी ने बताया कि आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक सत्यदेव राय के साथ करोड़ों की ठगी हुई थी।
कंपनी के सुपरवाइजर आर्य नगर दुर्ग निवासी आकाश दायगुड़े ने मोहन नगर थाने में 1 नवंबर 2022 को ठगी का मामला दर्ज कराया था।
आकाश के मुताबिक उसकी कंपनी से बेगुनी फतवा जिला पटना बिहार के बलराम कुमार, मकान नंबर 15 कींदवईपुरी गुच्छा निवासी राजीव रंजन उपाध्याय और 21 ए बेगमपुर मालवी नगर नई दिल्ली निवासी प्रवीण प्रकाश ने मिलकर 1.70 करोड़ रुपए की ठगी की है।
तीनों आरोपियों ने मिलकर निर्माण्यम आरआरपी सल्यूसन नाम से एक फर्जी कंपनी तैयार की थी।
इसके बाद उन्होंने उमदा टिला छावनी एवं आर्य नगर दुर्ग स्थित आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आकर 18 अक्टूबर 2022 को उनसे संपर्क किया।
राजीव रंजन उपाध्याय और प्रवीण प्रकाश ने हमारी कंपनी के साथ मिलकर व्यापार करने की बात कही।
इसके बाद उनका ऑफर अच्छा लगने पर दोनों कंपनियों के बीच एक करार हुआ और फिर स्क्रैब का लेन-देन शुरू हआ। कुछ दिन व्यापार के बाद उन्होंने कंपनी के साथ करोड़ों की ठगी की।
1.70 करोड़ रुपए की हुई धोखाधड़ी
शिकायतकर्ता ने बताया कि फर्जी नाम से तैयार की गई कंपनी निर्माण्यम और आरआरपी सोल्युशन को दिखाकर उन्होंने आर्बिट इलेक्ट्रोमेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ स्क्रैब के लेन देन का व्यापार शुरू किया।
दोनों के बीच 16 करोड़ रुपये प्लस 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ सौदा तय हुआ था। ऑर्बिट कंपनी ने इनकी कंपनी को 3 करोड़ 28 लाख 47 हजार 826 रुपये का माल भेजा था।
इसके बदले फर्जी कंपनी के संचालकों ने कुछ रकम तो भेजी लेकिन बाद में पैसा देना बंद कर दिया। कंपनी ने उनसे 1 करोड़ 74 लाख 74 हजार 175 रुपये नहीं देने पर डिमांड की।
इस पर बलराम, राजीव रंजन उपाध्याय, और प्रवीण प्रकाश पहले तो पैसा देने की बात की बाद में फोन ही उठाना बंद कर दिया।