ईरान कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप पर हमले की फिराक में था।
इस हमले के जरिए वह फुटबॉल वर्ल्ड कप के आयोजन को खराब करना चाहता था।
यह दावा किया है इजरायली डिफेंस फोर्स के सैन्य खुफिया प्रमुख ने। जेरुसलम पोस्ट ने इस बात की जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तेल अवीव में राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान (आईएनएसएस) के एक सम्मेलन में मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि ईरान को आतंकी हमले से रोकने वाली केवल यह चिंता थी कि मेजबान देश कतर की प्रतिक्रिया इस पर क्या होगी।
ईरान भी ले रहा है हिस्सा
गौरतलब है कि कतर में फुटबॉल वर्ल्ड कप की शुरुआत बीते रविवार से हुई है। यह टूर्नामेंट 19 दिसंबर को खेला जाएगा।
ईरान इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे 32 देशों में शामिल है। सोमवार को ईरान की टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले से पहले राष्ट्रगान नहीं गाया था।
बता दें कि ईरान में लंबे समय से हिजाब को लेकर प्रोटेस्ट चल रहा है। ईरान के खिलाड़ियों ने इस विरोध प्रदर्शन के पक्ष में राष्ट्रगान नहीं गाया था।
सत्ता को लेकर चिंतित थी सरकार
जेरुसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मेजर जनरल अहरोन हलीवा ने कहा कि ईरानी सरकार सत्ता को लेकर चिंतित था।
हिजाब के ऊपर देश में लगातार बढ़ते प्रदर्शनों के साथ-साथ उसे पश्विमी देशों के प्रतिबंध का भी सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि ईरान में सितंबर के महीने में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से ही विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है।
महसा अमीनी को यहां की नैतिक पुलिस ने सही ढंग से हिजाब न पहनने के विरोध में गिरफ्तार कर लिया।
अमीनी के परिजनों का कहना है कि पुलिस कस्टडी में उसकी काफी ज्यादा पिटाई की गई थी, जिससे मौत हो गई।