इंडोनेशिया की राजधानी बाली में जी-20 समिट से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई।
हालिया वक्त में जिस तरह से दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ी है, उसमें इन दोनों की मुलाकात काफी चौंकाने वाली मानी जा रही है।
गौरतलब है कि ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका में लगातार तलवार खिंची हुई है।
अमेरिका के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा चीन को काफी नागवार गुजरी थी। इसके बाद चीन ने अमेरिका को अंजाम भुगतने तक की चेतावनी दे डाली थी।
सिर्फ इतना ही नहीं, इस घटनाक्रम के बाद उसने ताइवान के ऊपर रणनीतिक दबाव काफी ज्यादा बढ़ा दिया था।
ऐसे में जी-20 से पहले चीन और अमेरिका के राष्ट्रप्रमुखों की भेंट दोनों देशों के रिश्ते में क्या नया रंग लेकर आती है यह देखने वाली बात होगी।
मुलाकात के बाद क्या बोले?
चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद जो बाइडन ने कहा कि शी और उन पर यह दिखाने की जिम्मेदारी है कि अमेरिका और चीन अपने मतभेदों पर काबू पा सकते हैं, सहयोग के क्षेत्रों का पता लगा सकते हैं।
वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि वह बाइडन के साथ विचारों के आदान-प्रदान के लिए तैयार हैं, जिसका उद्देश्य अमेरिका-चीन संबंध को सुधारना है।बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात करीब 11 साल के बाद हो रही है।
आखिरी बार इन दोनों नेताओं में जब मुलाकात हुई थी, तब जो बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे। उन्होंने साल 2011 के अगस्त महीने में चीन का दौरा किया था।
करीब एक हफ्ते के इस दौरे में बाइडेन की चीन में काफी खातिरदारी की गई थी। यहां तक कि चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने मुलाकात के दौरान उन्हें करीब 85 मिनट का समय दिया था। हालांकि तब से लेकर अब तक दोनों देशों के रिश्तों में काफी ज्यादा बदलाव आ चुका है।
हाल ही में ताइवान का समर्थन करने पर चीन ने अमेरिका को ढेरों धमकियां दी थीं। यहां तक कि उसने ताइवान के ऊपर अपनी सैन्य ताकत भी दिखाई थी, जिसे अमेरिका के लिए चेतावनी माना गया था।
इसके बाद अमेरिका ने चीन को एडवांस चिप का एक्सपोर्ट बंद कर दिया था। वहीं व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा था कि दोनों नेता संवाद बनाए रखने और उसे गहरा करने के प्रयासों पर चर्चा करेंगे।